Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर के सिविल लाइंस स्थित हरिमल पैलेस में सोमवार को बेलारूस के जोड़े ने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की। दिमित्री खलेबेस्ट और लिदज़िया तारेसेविच ने राजस्थानी परंपराओं को अपनाते हुए विवाह की रस्में निभाईं और अपने नए जीवन की शुरुआत की।

भारत की सांस्कृतिक विरासत से प्रभावित हुआ जोड़ा

पर्यटन कारोबारी सुरेश सरवानी के अनुसार, यह विदेशी जोड़ा भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं से गहरा लगाव रखता है। इसी वजह से उन्होंने जयपुर में पारंपरिक हिंदू विवाह करने का निर्णय लिया। शादी में राजस्थानी रस्मों का विशेष ध्यान रखा गया।

राजस्थानी अंदाज में सजी विदेशी शादी

दूल्हा दिमित्री ने पारंपरिक शेरवानी पहनी, जबकि दुल्हन लिदज़िया ने लाल रंग का भव्य लहंगा पहनकर सबका ध्यान आकर्षित किया। जयपुर के एक भव्य वेडिंग वेन्यू में यह आयोजन हुआ, जिसमें हवन, मंत्रोच्चार और फेरे जैसी पारंपरिक रस्में निभाई गईं। विवाह के बाद दोनों ने कहा, “हमारा सपना था कि एक दिन हिंदू रीति-रिवाजों से शादी करें, और आज वह पूरा हो गया। हम बेहद खुश हैं।”

विदेशियों में बढ़ रहा मॉक वेडिंग का चलन

पर्यटन विशेषज्ञ संजय कौशिक के अनुसार, मॉक वेडिंग (संकेतात्मक विवाह) का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। फ्रांस, इटली, जर्मनी समेत कई देशों से रोज़ाना राजस्थान में पारंपरिक भारतीय विवाह कराने की मांग आ रही है। इस तरह की शादी का शुरुआती खर्चा 70,000 रुपये से शुरू होता है, जिसमें दुल्हन की ज्वेलरी, लहंगा, मेकअप, दूल्हे की शेरवानी, कार, शादी की पूरी व्यवस्था और पुजारी का खर्च शामिल होता है।

जयपुर बना विदेशी जोड़ों के लिए डेस्टिनेशन वेडिंग हब

पिछले कुछ वर्षों में जयपुर विदेशी जोड़ों के लिए पसंदीदा डेस्टिनेशन वेडिंग केंद्र बन चुका है। यहां की ऐतिहासिक हवेलियां, महल और सांस्कृतिक विरासत विदेशी नागरिकों को आकर्षित कर रही हैं। दिमित्री और लिदज़िया की शादी इस बात का प्रमाण है कि भारतीय परंपराएं और रीति-रिवाज अब वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हो रहे हैं।

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