Rajasthan News: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार वन स्टेट-वन इलेक्शन का मसौदा तैयार करने में जुट गई है. इसके लिए नया कानून बनाया जाएगा. उसे विधानसभा में पारित कराया जाएगा. इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जा सकता है. वित्त मंत्री दिया कुमारी ने दस जुलाई को विधानसभा में पेश भजनलाल सरकार के पहले पूर्ण बजट में वन स्टेट वन इलेक्शन करवाने की घोषणा की थी. घोषणा से सरकार ने अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है कि वह सभी निकाय और ग्राम पंचायत चुनाव एक साथ करवाएगी.

इसके पीछे राज्य सरकार का तर्क है कि बार-बार आचार संहिता लगने से सरकार के काम बहुत ज्यादा प्रभावित होता है. सरकारी खजाने पर काफी भार पड़ता है. हालांकि राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि राज्य सरकार स्थानीय निकाय और ग्राम पंचायत चुनाव इस अगस्त और सितंबर माह में करवा सकती है. लेकिन अधिकारिक सूत्रों ने इससे इनकार किया है. उनका कहना है कि अगर वन स्टेट-वन इलेक्शन के लिए कानून बनाया जाता है, तो जनवरी-फरवरी में होने वाले पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में आगे खिसकाए जा सकते हैं.

पहला प्रदेश होगा राजस्थान

अगर वन स्टेट-वन इलेक्शन का फार्मूला लागू होता है, राजस्थान देश में ऐसा पहला राज्य होगा वन नेशन- वन इलेक्शन की तर्ज पर अपना कानून बनाएगा.

भाजपा का है एजेण्डा

भाजपा ने लोकसभा चुनाव में अपने मेनफिस्टो में एक देश-एक चुनाव के सिद्धान्त को शामिल किया था. इसके मद्देनजर पहली बार विधायक का चुनाव जीत कर मुख्यमंत्री बने भजनलाल शर्मा राजस्थान में वन स्टेट-वन इलेक्शन का फार्मूला बनाकर पूरे हते हैं. इसके चलते देश में नजीर पेश करना चाहते हैं. उन्होंने राजस्थान के 11 नगर निगमों, 33 नगर परिषदों और 213 शहरी स्थानीय निकायों, 11 हजार 320 सरपंचों एक लाख नौ हजार 228 वार्ड पंचों छह हजार 995 पंचायत समिति सदस्यों एक हजार 14 जिला परिषद सदस्यों और सात हजार 500 पार्षद के पदों पर एक साथ इलेक्शन करवाने की तैयारियां पूरी करने के निर्देश दे दिए हैं.

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