Rajasthan News: राजस्थान के बहुचर्चित भीलवाड़ा के कोटड़ी भट्टी कांड पर सोमवार, 20 मई को अदालत ने अंततः अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में अदालत ने सगे भाई कालू और कान्हा कालबेलिया को POCSO अदालत ने मौत की सजा दी है।

जज अनिल गुप्ता ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए इसे दुर्लभतम श्रेणी में रखा। बता दें कि बीते शनिवार को इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जबकि सात को बरी कर दिया था।

क्या था मामला?

यह पूरा मामला पिछले साल 2 अगस्त का है। भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी थाना क्षेत्र के गांव में बकरियां चराने गई किशोरी लापता हो गई थी। खोजबीन के कुछ घंटों बाद रात 10 बजे परिवारवालों ने भट्टी से धुआं उठते देखा। दुर्गंध आने पर जब राख खंगाली गई तो उसमें चांदी का कड़ा और चप्पल मिली थी। अधिकारियों ने भट्टी से हड्डियां और आधे जले हुए शरीर के हिस्से बरामद किए और बाद में शरीर के हिस्सों की फोरेंसिक जांच से पता चला कि युवा लड़की को जिंदा जलाया गया था।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट से पता चला है कि भट्ठी में जलाए जाने से पहले लड़की जीवित थी। जांच में यह भी पता चला है कि दुष्कर्म के बाद लड़की के सिर पर डंडे से वार कर उसे बेहोश कर दिया गया था।

विशेष लोक अभियोजक महावीर सिंह किशनावत ने कहा कि कालू और कान्हा को मौत की सजा दी गई। शनिवार को उन्हें लड़की से बलात्कार और हत्या का दोषी पाया गया था।

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