Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए नया सिलेबस तैयार कर लिया गया है, जो इसी शैक्षणिक सत्र से लागू किया जा रहा है।

बच्चों को सिखाया जाएगा भारत का गौरवशाली अतीत

नए सिलेबस के तहत अब छात्रों को प्रारंभिक स्तर से ही भारत के महान योद्धाओं और राष्ट्रनायकों के जीवन से परिचित कराया जाएगा। कक्षा 3 से शुरू होने वाली हिंदी, अंग्रेजी और पर्यावरण अध्ययन (EVS) की नई पुस्तकों में महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, वीर दुर्गादास, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल और स्वामी दयानंद सरस्वती जैसी विभूतियों के प्रेरणादायक जीवन प्रसंगों को शामिल किया गया है।

लोकतंत्र और सामाजिक चेतना की भी शिक्षा

नई पाठ्यपुस्तकों में छात्रों को केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र की मूल अवधारणाओं, सामाजिक जिम्मेदारी और सांस्कृतिक विरासत को भी व्यावहारिक और रोचक ढंग से सिखाया जाएगा। कक्षा 5 तक आते-आते छात्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और सामाजिक सुधारकों के योगदान को भी गहराई से जान सकेंगे।

स्थानीय भाषाओं पर ज़ोर, बोलियों के शब्दकोश तैयार

राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा या स्थानीय भाषा में दी जाएगी। इसके लिए जिलावार स्थानीय बोलियों के शब्दकोश तैयार किए जा रहे हैं, जिनके आधार पर पाठ्यपुस्तकों का निर्माण किया गया है। इससे बच्चों का भाषा से जुड़ाव और भी मजबूत होगा।

छात्र अब केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहेंगे

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा, नई शिक्षा नीति का उद्देश्य छात्रों को भारत की संस्कृति, इतिहास और भूगोल से जोड़ते हुए उन्हें जड़ से मजबूत करना है। छात्र अब केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि उन्हें व्यावहारिक और मूल्य आधारित शिक्षा दी जाएगी।

कक्षा 6-9 और 11 के लिए भी तैयार हो रहा नया सिलेबस

सरकार की योजना के अनुसार, अब कक्षा 6 से 9 और कक्षा 11 तक का पाठ्यक्रम भी NEP 2020, NCERT और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (NCF) 2023 के अनुरूप तैयार किया जाएगा। इससे छात्रों को एकीकृत, समग्र और मूल्य आधारित शिक्षा मिल सकेगी।

पढ़ें ये खबरें