Rajasthan News: राजस्थान के जयपुर ग्रामीण जिले में नशे के खिलाफ चलाए जा रहे “ऑपरेशन नॉकआउट” के तहत जमवारामगढ़ थाना पुलिस ने एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक नाबालिग के पिता, एक निजी मेडिकल स्टोर संचालक, मेडिकल स्टोर कर्मचारी और एसएमएस अस्पताल के दवा वितरण केंद्र का ठेका कर्मी शामिल हैं.

गिरोह का सरगना अपने ही नाबालिग बेटे से नशीली दवाइयों की सप्लाई करवा रहा था. पुलिस ने बच्चे को संदिग्ध हालात में पकड़ा और तलाशी के दौरान उसके पास से 8,840 ट्रामाडोल कैप्सूल और 750 अल्प्राजोलम टेबलेट बरामद की. ये दोनों दवाएं मानसिक विकार उत्पन्न करने वाली होती हैं और इनकी बिक्री पर सरकार ने रोक लगा रखी है.
जयपुर ग्रामीण एसपी आनंद शर्मा ने बताया कि नाबालिग की पूछताछ में सामने आया कि उसे ये दवाएं उसके पिता रामराय ने दी थीं. इसके बाद पुलिस ने रामराय को गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की गई.
जांच में खुलासा हुआ कि यह गिरोह एसएमएस अस्पताल के पास स्थित न्यू शर्मा मेडिकल स्टोर के जरिए इन प्रतिबंधित दवाओं की आपूर्ति कर रहा था. मेडिकल स्टोर का संचालक जितेंद्र शर्मा, वहां काम करने वाला विनोद और दवा वितरण केंद्र में ठेका कर्मचारी जितेंद्र कुमार इस रैकेट में शामिल थे.
एएसपी रजनीश पूनियां ने बताया कि यह गिरोह अस्पताल और मेडिकल स्टोर से बिना दस्तावेजों के प्रतिबंधित नशीली दवाओं की खरीद-फरोख्त कर रहा था. आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच की जा रही है.
पुलिस को संदेह है कि यह गिरोह लंबे समय से युवाओं को नशे की गर्त में धकेलने का काम कर रहा था और इसकी जड़ें अन्य इलाकों में भी फैली हो सकती हैं. पूछताछ जारी है और आगे और गिरफ्तारियां संभव हैं.
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