Rajasthan News: राजस्थान में सरकारी नौकरी से जुड़े फर्जीवाड़े के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताजा मामला धौलपुर जिले से है, जहां एक विधवा महिला शिक्षिका को फर्जी अंकतालिकाओं के आधार पर नौकरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि महिला पिछले 20 साल से शिक्षक पद पर कार्यरत थी और अब तक लाखों रुपये का वेतन ले चुकी है।

कौन है आरोपी शिक्षिका?

गिरफ्तार शिक्षिका का नाम मोनी देवी (48 वर्ष) है। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं और फिलहाल धौलपुर जिले के राजाखेड़ा कस्बे के रोहाई मोहल्ले में रह रही थीं। मोनी देवी के पति सोबरन सिंह की मृत्यु साल 2001 में हो गई थी। इसके बाद उन्होंने विधवा कोटे से शिक्षक पद पर आवेदन किया।

कैसे मिली नौकरी?

पति की मौत के बाद मोनी देवी ने इंटर कॉलेज जैंगारा, जिला आगरा से कक्षा 10वीं और 12वीं की फर्जी अंक तालिका बनवाईं।

  • साल 2005 में उन्होंने इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर आवेदन किया।
  • विधवा कोटे से उनका चयन हुआ और उन्हें तृतीय श्रेणी शिक्षक के पद पर नियुक्ति मिल गई।
  • इसके बाद वे लगातार शिक्षण कार्य करती रहीं।

फर्जी दस्तावेजों का खुलासा

शिक्षा विभाग को कुछ समय पहले मोनी देवी के दस्तावेजों पर संदेह हुआ। विभाग ने मेरठ माध्यमिक शिक्षा परिषद से 10वीं और 12वीं की अंकतालिकाओं का वेरिफिकेशन कराया। जांच में सामने आया कि जिन अंकतालिकाओं का हवाला दिया गया था, उनका रिकॉर्ड मेरठ बोर्ड के पास बिल्कुल भी मौजूद नहीं है। यानी दोनों ही प्रमाण पत्र पूरी तरह फर्जी निकले।

पुलिस कार्रवाई

24 फरवरी 2025 को धौलपुर के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने राजाखेड़ा थाने में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत पर पुलिस ने फर्जीवाड़े का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। थाना प्रभारी रामकिशन यादव ने बताया कि जांच के दौरान आरोप सही पाए गए। 15 सितंबर 2025 को पुलिस ने शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया।

अब तक मिला लाभ

पिछले 20 साल की नौकरी के दौरान मोनी देवी ने सरकार से वेतन के रूप में लाखों रुपये प्राप्त किए। अब पुलिस मामले की पूरी जांच कर रही है और महिला को अदालत में पेश किया जाएगा।

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