Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर ज़िले में ऐतिहासिक छतरियों के पुनर्निर्माण को लेकर तनाव गहराता जा रहा है। पोकरण से बीजेपी विधायक महंत प्रतापपुरी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को चिट्ठी लिखकर चेताया है कि अगर हालात यूं ही रहे, तो जैसलमेर भी कश्मीर जैसी स्थिति की ओर बढ़ सकता है।

क्या कहा है विधायक ने?
विधायक प्रतापपुरी का आरोप है कि कुछ असामाजिक तत्व उनके क्षेत्र में लगातार अशांति फैला रहे हैं। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने 2019 में भी ऐतिहासिक छतरियों को तोड़ा था। मामला दर्ज हुआ लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब जब फिर से निर्माण शुरू हुआ है, तो इन तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि निर्माण कार्य को पुलिस सुरक्षा के बीच पूरा कराया जाए।
ऐतिहासिक महत्व
विवादित छतरियां बासनपीर गांव में हैं और ये 1828 के बीकानेर-जैसलमेर युद्ध में शहीद हुए वीर रामचंद्र सोढ़ा और हदूद पालीवाल की स्मृति में बनाई जा रही हैं। स्थानीय लोगों और संगठनों का कहना है कि ये सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर हैं। पालीवाल ब्राह्मणों के पलायन से प्रसिद्ध इस गांव में अब कब्जे और टकराव की घटनाएं बढ़ रही हैं।
क्या हुआ था हाल ही में?
10 जुलाई को छतरी निर्माण के दौरान एक बार फिर विवाद भड़क उठा। सैकड़ों महिलाओं और युवाओं ने निर्माण स्थल पर पथराव कर दिया, जिसमें चार लोग घायल हुए, जिनमें एक पुलिसकर्मी भी शामिल था। कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई।
2019 से जारी विवाद
ये विवाद पहली बार 2019 में सामने आया था, जब एक शिक्षक पर लोगों को उकसाकर छतरियां तुड़वाने का आरोप लगा। इसके बाद झुंझार धरोहर बचाओ संघर्ष समिति और कई हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किए। पुलिस ने तीन गिरफ्तारियां की थीं।
2021 में कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर प्रशासन की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई और निर्माण कार्य शुरू हुआ, लेकिन दो दिन बाद ही फिर तनाव के कारण प्रशासन ने काम रुकवा दिया। समिति के सदस्य गणपत सिंह ने आरोप लगाया है कि तत्कालीन सरकार के दबाव में यह फैसला लिया गया था, जो न्यायसंगत नहीं था।
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