Rajasthan News: राजस्थान के बीकानेर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 22 मई को होने वाले दौरे को लेकर भारतीय जनता पार्टी की तैयारियां जोरों पर हैं। इसी सिलसिले में राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की जानकारी दी।

मदन राठौड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी बीकानेर के देशनोक स्थित प्रसिद्ध करणी माता मंदिर में दर्शन करेंगे, इसके बाद वे पलाना में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे, जिसमें करीब डेढ़ लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। राठौड़ ने इसे ऐतिहासिक जनसभा बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इस दौरान राज्य में लगभग 39,000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिससे प्रदेश के विकास को गति मिलेगी।

हालांकि इस संवाददाता सम्मेलन का एक अहम पहलू पार्टी के भीतर अनुशासन को लेकर मदन राठौड़ की सख्त टिप्पणी भी रही। हाल ही में बीजेपी नेताओं की ओर से विवादित बयानों और व्यवहार को लेकर पार्टी की छवि पर उठे सवालों के बीच राठौड़ ने स्पष्ट कहा कि अब किसी भी नेता की ‘स्लिप ऑफ टंग’ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका इशारा पार्टी नेता विजय शाह के बयान की ओर था, जिसे ‘भाषाई चूक’ कहकर टालने की कोशिश की गई थी। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से अब ऐसे मामलों में सख्ती बरती जाएगी और सार्वजनिक मंचों पर संयमित और सम्मानजनक भाषा का प्रयोग अनिवार्य है।

राठौड़ ने धर्म के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव को नकारते हुए कहा कि हर धर्म और व्यक्ति का सम्मान बीजेपी की संस्कृति का हिस्सा है। इस दौरान उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी से जुड़े मामले का उल्लेख करते हुए यह संदेश भी दिया कि पार्टी ऐसी घटनाओं को गंभीरता से ले रही है।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए राठौड़ ने वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के पुराने बयान को याद दिलाया, जिसमें उन्होंने आतंकी ओसामा बिन लादेन को “ओसामा जी” कहा था। राठौड़ ने इस बयान को कांग्रेस की विचारधारा और चरित्र का प्रतीक बताया।

वहीं, बालमुकुंद आचार्य द्वारा तिरंगे के कथित अपमान को लेकर राठौड़ ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वह वस्त्र तिरंगा नहीं था, बल्कि तीन रंगों का साधारण दुपट्टा था। फिर भी भाजपा राष्ट्र के हर प्रतीक और सम्मान के प्रतीक चिन्हों का पूरी निष्ठा से आदर करती है।

मदन राठौड़ के ये बयान सिर्फ प्रधानमंत्री के दौरे की जानकारी नहीं, बल्कि पार्टी के भीतर अनुशासन और गरिमा बनाए रखने के लिए एक स्पष्ट संदेश भी थे। ऐसे समय में जब बीजेपी राजस्थान में अपने जनाधार को और मजबूत करने की तैयारी में है, पार्टी नेतृत्व अब किसी भी प्रकार की ढिलाई या विवाद को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।

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