दौसा. राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में एक धर्मशाला के कमरे में एक ही परिवार के चार सदस्यों की लाशें मिली हैं. मृतकों में पति, पत्नी, बेटा और बेटी शामिल हैं. इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया है. चारों देहरादून के रहने वाले थे और 12 जनवरी को मंदिर दर्शन के लिए यहां पहुंचे थे. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर चारों के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है और मामले की जांच में जुटी हुई है.
जानकारी के मुताबिक, मृतकों की पहचान सुरेंद्र कुमार उपाध्याय (52), उनकी पत्नी कमलेश (48), बेटी नीलम उपाध्याय और बेटे नितिन उपाध्याय के रूप में हुई है. वे देहरादून से तीन-चार दिन पहले ही बालाजी मंदिर मेहंदीपुर के आश्रम में आए थे. 12 जनवरी को लगभग ढाई से तीन बजे के आसपास उनका शव एक ही कमरे में बरामद हुआ.
सफाई के दौरान बरामद हुआ शव
मृतकों के शव तब मिले जब धर्मशाला के एक कर्मचारी ने कमरे की सफाई के दौरान देखा कि कमरे में दो लोग बेहोशी की हालत में बेड पर और दो लोग जमीन पर पड़े थे. पुलिस को सूचित किया गया, और चिकित्सकों ने मौके पर पहुंचकर चारों को मृत घोषित कर दिया. कुछ शवों के मुंह से झाग निकलने की भी जानकारी सामने आई है. पुलिस ने प्रथम दृष्टया इसे सामूहिक आत्महत्या का मामला बताया है, हालांकि एक अन्य संदेह जहर खुरानी गिरोह पर भी व्यक्त किया जा रहा है.
पुलिस का मानना है कि यह सामूहिक आत्महत्या हो सकती है, लेकिन जहर खुरानी गिरोह के संलिप्त होने की भी संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा. मृतकों में नितिन उपाध्याय, जो ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में नियमित कर्मचारी थे, और उनकी बहन नीलम, जो ससुराल से अलग अपने मायके में रह रही थीं, भी शामिल हैं. मृतकों के परिवार ने चार दिन पहले ही देहरादून से यात्रा शुरू की थी, और उनका ठहरने का कमरा नितिन के नाम पर बुक था. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और मौत के कारणों का पता लगाने के प्रयास में जुटी हुई है.
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