Rajasthan News: बीकानेर में आयोजित तीन दिवसीय ऊंट महोत्सव का समापन रविवार को हुआ। देश-दुनिया में मशहूर ऊंट महोत्सव के अंतिम दिन, महोत्सव की सभी गतिविधियां रायसर के धोरों पर आयोजित की गई। महोत्सव को लेकर स्थानीयों और देशी-विदेशी सैलानियों में जबर्दस्त उत्साह देखा गया।
दिनभर रायसर के धोरों में मेले जैसा माहौल बना रहा। विदेशी पर्यटकों ने सभी कार्यक्रमों को उत्साह से देखा और चिरस्थायी याद के लिए अपने कैमरों में कैद किया। वहीं कार्यक्रम को देखने बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटकों सहित स्थानीय लोग रायसर पहुंचे और रायसर के धोरों पर खिली धूप के बीच उन्होंने प्रतियोगिताओं का आनंद लिया। यहां लगाया गया हॉट एयर बैलून भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा।
मटका रेस रहा रोचक
महोत्सव के दौरान महिलाओं के मध्य मटका रेस का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाएं अपने सिर पर इडाणि रखकर पानी से भरा मटका लेकर निर्धारित स्थल पर पहुंची। इस दौरान लोगों ने प्रतिभागियों की हौसला अफजाई की।
रस्सा-कस्सी प्रतियोगिता रही आकर्षण का केंद्र
महोत्सव के दौरान भारतीय एवं विदेशी पुरूष-महिलाओं के मध्य रस्सा-कस्सी की प्रतियोगिता हुई जिसमें दोनो टीमों के प्रतिभागियों ने अपनी जोर आजमाई की, साथ ही कुश्ती, कबड्डी, खो-खो, टिब्बा रेस (भारतीय और विदेशी पर्यटकों के बीच) साफ़ा बांध सहित विभिन्न प्रतियोगिताओं में सैलानियों ने बढ-चढ़ कर हिस्सा लिया।
वहीं रायसर के रेगिस्तानी धोरों में पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक स्व. पुष्पेंद्र प्रताप सिंह को पुष्पांजलि के लिए सैंड आर्ट एग्जिबिशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
रेगिस्तानी धोरों में आयोजित हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रम
सेलिब्रिटी नाइट में भारतीय पॉप और लोक संगीत का मिश्रण देखने को मिला। कार्यक्रम की शुरुआत गायक राहुल के शिव तांडव गायन के साथ हुई।
कार्यक्रम में गायका रेणुका पंवार ने हरियाणवी गाने बावन गज का दामन… से अपने गानों की शुरुआत की। उन्होंने एक के बाद एक सोना बाबू…, चटक-मटक…, हट जा ताऊ…, छम्मक छल्लो… मैं नागिन डांस…,दिल लेना दिल देना सौदा…मेरा छूमका उठाके के लाया…आजा नच ले मेरे यार तू नच ले… तू साज साज धरदे..मटका फोड़ेगी.. रानी हो तेरा लाया में लाल सरारा… सहित अन्य गानों की शानदार प्रस्तुतियों से कार्यक्रम में शमा बांध दिया। वहीं उनके द्वारा 22 जनवरी राम की प्राण प्रतिष्ठा को समर्पित गीत अयोध्या नगरी सजने लगी है…ने माहौल भक्तिमय कर दिया।
वहीं लोकप्रिय संगीतकार सुल्ताना ’नूरा सिस्टर्स’ की शानदार प्रस्तुति से रायसर के धोरों का सर्द माहौल सूफियाना बन गया। उन्होंने अपनी प्रस्तुतियों पर दर्शकों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। उनकी प्रस्तुतियों पर स्थानियों सहित विदेशी भी अपने आपको थिरकने से रोक नहीं सके। उन्होंने अल्ला हु-अल्ला हु…, टुंग टुंग बाजे… परदे में रहने दो…, कोई हसीना जब रूठ जाती है…, कुछ लोग भूल जाते है कुछ याद रहते है…. में यार का दीवाना मेरा यार ही खुदा…, अली अली….तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी…..कभी दिल किसी से लगा कर तो देखो…यह जो हल्का हल्का सरूर है.. सहित एक से बढ़कर एक अद्भुत और अविस्मरणीय प्रस्तुतियों में संस्कृति की जीवंतता उत्सव की एक माला बनकर मंच पर उतरी। सुर, लय और ताल के भव्य आयोजन में उल्लास भरा रहा। कलाकारों की प्रस्तुतियों के साथ लाइट्स के फ्यूजन में सूफी संगीत, प्रेम, के साथ कई भाव नजर आयें।
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