Rajasthan News: जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर में सपत्ति के बेचान को लेकर अरुणाचल प्रदेश में दर्ज एफआइआर को रद्द करने के राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराया है. कोर्ट ने टिप्पणी की कि, समझ नहीं आता सिविल विवाद से जुड़े मामले में अरुणाचल प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट तक क्यों आई? न्यायाधीश विक्रमनाथ व न्यायाधीश के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने अरुणाचल प्रदेश सरकार की अपील को खारिज करते हुए यह आदेश दिया.
दरअसल, जयपुर के सीकर हाउस क्षेत्र की एक सपत्ति के बेचान से संबंधित विवाद को लेकर अनिल अग्रवाल ने अरुणाचल प्रदेश में एफआइआर दर्ज कराई. इसमें सपत्ति के लिए एक करोड़ रुपए लेकर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया. एफआइआर को कमल अग्रवाल व अन्य ने राजस्थान हाईकोर्ट में और चन्द्रमोहन बड़ाया व अन्य ने गुवाहाटी हाईकोर्ट में चुनौती दी. राजस्थान हाईकोर्ट ने एफआइआर को रद्द कर दिया, वहीं गुवाहाटी हाईकोर्ट ने दखल से इनकार कर दिया.
एफआइआर रद्द करने के राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को अरुणाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, तो चन्द्रमोहन बड़ाया ने राहत नहीं देने के गुवाहाटी हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी. बड़ाया की ओर से अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल व अन्य ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में एफआइआर दर्ज कराने वाले अनिल अग्रवाल के परिजन के नाम संपत्ति की रजिस्ट्री कराई जा चुकी है, संपत्ति को लेकर विवाद गलत है.
इसके अलावा यह भी कहा कि सिविल विवाद में एफआइआर नहीं हो सकती. पूरा मामला सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अपराध बनता ही नहीं, इसलिए एफआइआर रद्द करने और सिविल विवाद उचित फोरम पर उठाने की छूट देने का राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश सही है.
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