Rajasthan News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए सरकार ने देश में जातिगत जनगणना कराने का फैसला लिया। यह कदम लंबे समय से उठ रही मांगों के मद्देनज़र लिया गया है, जिस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज़ हो गई हैं।

कांग्रेस: जनगणना हमारी जीत, न्याय संकल्प की गूंज

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस निर्णय को कांग्रेस की विचारधारा और राहुल गांधी के न्याय संकल्प की जीत बताया। उन्होंने कहा, जातिगत जनगणना से देश के वंचित तबकों को न्याय मिलेगा। राहुल गांधी ने सड़क से लेकर संसद तक लगातार यह मुद्दा उठाया और आखिरकार मोदी सरकार को झुकना पड़ा। डोटासरा ने यह भी कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनते ही आरक्षण की 50% की सीमा को हटाया जाएगा और आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी दी जाएगी।

भाजपा: सरकार का दूरदर्शी और संतुलित फैसला

राजस्थान भाजपा अध्यक्ष मदन दिलावर राठौड़ ने केंद्र के इस फैसले को समयोचित और जनहितैषी बताया। उन्होंने कहा, “जनगणना प्रक्रिया पहले से जारी है, अब उसमें एक कॉलम जाति का भी जोड़ा जाएगा। सरकार ने व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया है, जो सभी वर्गों के हित में है।”

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह फैसला संविधान और सामाजिक संरचना को ध्यान में रखकर लिया गया है। 1947 के बाद जातिगत जनगणना नहीं हुई। कांग्रेस ने जब-जब इसकी बात की, तब केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए किया।

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