Rajasthan News: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) के दो पूर्व कर्मचारियों, बर्खास्त कांस्टेबल मोहम्मद जाकिर हुसैन और निरीक्षक प्रदीप के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के जरिए सरकारी नौकरी हासिल करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है।

दोनों पर आपराधिक षड्यंत्र, जालसाजी, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पटना निवासी मोहम्मद जाकिर हुसैन, जो पहले राजस्थान के कोटा में तैनात थे, तब जांच के दायरे में आए जब भर्ती परीक्षा के विभिन्न चरणों में उनके अंगूठे के निशान अलग-अलग पाए गए।

सीबीएन आयुक्त दिनेश बौद्ध की 4 सितंबर की शिकायत के बाद सीबीआई ने 11 सितंबर को हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। जांच में 2021 की भर्ती प्रक्रिया में कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) और परीक्षा प्राधिकरण के अज्ञात अधिकारियों की संलिप्तता का भी संदेह जताया गया है।

निरीक्षक प्रदीप पर भी धोखाधड़ी का आरोप

इसी तरह, हरियाणा के पानीपत निवासी निरीक्षक प्रदीप के खिलाफ भी 11 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज की गई। उन पर 2019 की एसएससी संयुक्त स्नातक परीक्षा में धोखाधड़ी कर नौकरी हासिल करने का आरोप है। सीबीआई के अनुसार, प्रदीप के अंगूठे के निशान भी परीक्षा के विभिन्न चरणों में भिन्न पाए गए, जिससे उनकी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठे।

सीबीआई ने दोनों मामलों में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 419, 420, 468, 471 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्रवाई शुरू की है। जांच एजेंसी अब भर्ती प्रक्रिया में शामिल अज्ञात अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। यह मामला सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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