जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कूकस स्थित फाइव स्टार होटल फेयर माउंट में छापा मारा. यह रेड महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले में की गई.

सूत्रों के मुताबिक, ईडी को सूचना मिली थी कि महादेव बेटिंग रैकेट से जुड़े कुछ लोग एक शादी समारोह में शामिल होने यहां आए हैं. इसी इनपुट के आधार पर छत्तीसगढ़ की रायपुर ईडी यूनिट ने होटल में दबिश दी. बताया गया कि संदिग्ध अलग-अलग कमरों में ठहरे हुए थे. टीम ने मौके पर मिले लोगों से पूछताछ शुरू की और कुछ दस्तावेज जब्त किए.

इससे पहले भी जयपुर में छापेमारी
महादेव बेटिंग घोटाले में ईडी की यह पहली कार्रवाई नहीं है. इससे पहले 16 अप्रैल को भी जयपुर में छापा मारा गया था. उस वक्त सोडाला के एपल रेजीडेंसी में ड्राई फ्रूट कारोबारी भरत दाधीच के फ्लैट पर रेड हुई थी. उसी दौरान देशभर में करीब 60 ठिकानों पर एक साथ तलाशी चली थी, जिनमें छत्तीसगढ़, दिल्ली, भोपाल और कोलकाता शामिल थे.

जांच एजेंसी को जयपुर से मनी लॉन्ड्रिंग, क्रिप्टो करेंसी और फर्जी कंपनियों से जुड़े अहम सबूत हाथ लगे थे. ईडी की जांच में सामने आया कि कुछ कारोबारी महादेव ऐप के नेटवर्क से करोड़ों का लेनदेन कर रहे थे.

क्या है महादेव बेटिंग ऐप?
महादेव बुक ऐप भारत में सबसे बड़े ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क में से एक बन चुका है. इसके जरिए क्रिकेट, फुटबॉल और अन्य खेलों पर अवैध सट्टा लगाया जाता है. कई राज्यों में इसका नेटवर्क फैला है और अब तक ईडी करोड़ों की अवैध संपत्ति जब्त कर चुकी है.

कैसे शुरू हुई महादेव बुक की कहानी?
छत्तीसगढ़ के भिलाई में रहने वाले सौरभ चंद्राकर ने 2019 में दुबई जाकर अपने दोस्त रवि उप्पल के साथ मिलकर महादेव बुक की शुरुआत की. पहले यह जूस की दुकान चलाता था, फिर ऑनलाइन सट्टेबाजी में उतर गया. शुरुआत में छोटे स्तर पर सट्टा लगाया जाता था, लेकिन सोशल मीडिया प्रचार और अन्य सट्टा ऐप को खरीदकर कारोबार फैलाया गया.

कुछ ही महीनों में लाखों लोग महादेव बुक से जुड़ गए. कोरोना काल में इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ा. 2021 में बिना दर्शकों के आईपीएल हुआ, तब अकेले उस सीजन में 2 हजार करोड़ से ज्यादा की सट्टेबाजी इसी प्लेटफॉर्म पर दर्ज हुई.

महादेव बुक की वेबसाइट के मुताबिक, अब तक करीब 99 लाख यूजर इससे जुड़े हैं.

ईडी की जांच में खुलासा
जांच में सामने आया कि यह नेटवर्क यूजर्स को लुभाने के लिए कैशबैक और बोनस देता था ताकि लोग बार-बार सट्टा लगाते रहें. इसी नेटवर्क से जुड़े कुछ संदिग्धों को जयपुर में शादी समारोह में मौजूद होने की खबर पर ईडी ने दबोचने की योजना बनाई. फिलहाल उनसे पूछताछ जारी है और कुछ डिजिटल डिवाइस भी कब्जे में लिए गए हैं.