जयपुर/जमवारामगढ़: Rajasthan News: रामगढ़ बांध में कृत्रिम बारिश के लिए शनिवार सुबह चौथी बार क्लाउड सीडिंग की गई। इसके लिए जलवायु इंजीनियरिंग कंपनी एक्सल-1 इंक ने अपनी सहयोगी कंपनी जेएनएक्सएआइ के साथ मिलकर दो ड्रोन उड़ाए।

ड्रोन के माध्यम से सोडियम क्लोराइड का उपयोग कर क्लाउड सीडिंग की गई, जिसके बाद बांध के आसपास की पहाड़ियों पर हल्की बूंदाबांदी दर्ज की गई। रविवार सुबह 6 बजे कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीना की मौजूदगी में अंतिम क्लाउड सीडिंग होगी, जिसके साथ यह ऑपरेशन समाप्त हो जाएगा।
यह देश का पहला पायलट प्रोजेक्ट है, जिसमें एआइ तकनीक और स्वदेशी ड्रोन की मदद से क्लाउड सीडिंग की जा रही है। इस दौरान जमवारामगढ़ विधायक महेंद्रपाल मीना और स्थानीय लोग भी मौजूद रहे। कंपनी के चीफ क्लाइमेट सॉल्यूशंस अधिकारी शशांक तामन ने बताया कि यह प्रोजेक्ट कृषि विभाग के साथ अनुबंध के तहत किया गया है, जिसमें पूरा खर्च कंपनी ने वहन किया है और राज्य सरकार का कोई व्यय नहीं हुआ।
कृषि विभाग को सौंपी जाएगी विस्तृत रिपोर्ट
एक्सल-1 इंक बांध क्षेत्र की जलवायु, बादलों की स्थिति, नमी और पानी की राह में आने वाली बाधाओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर कृषि विभाग को सौंपेगी। यह प्रोजेक्ट जल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों में कृत्रिम बारिश की संभावनाओं को तलाशने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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