Rajasthan News: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के कोर्ट में लंबित मामलों की गहन समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जनहित, युवाओं की भर्तियों और विकास योजनाओं से जुड़े सभी मामलों में मजबूत और प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाए, ताकि आमजन को समय पर न्याय और राहत मिल सके।

जनहित और विकास की योजनाओं में देरी नहीं चलेगी

मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि राजस्थान की 8 करोड़ जनता के कल्याण के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। ऐसे में कोई भी कानूनी अड़चन योजनाओं की गति में बाधक नहीं बननी चाहिए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कानूनी कार्यों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं रखी जाएगी, और जरूरत पड़ने पर वरिष्ठ अधिवक्ताओं को अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया जाएगा।

युवाओं की भर्ती मामलों पर विशेष जोर

सीएम शर्मा ने युवाओं से जुड़े नियोजन और भर्ती के कोर्ट मामलों को जल्द निपटाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि रोजगार देना उनकी प्राथमिकता है, और इसके लिए भर्ती प्रक्रिया को कानूनी रूप से मजबूत और पारदर्शी बनाया जाएगा।
साथ ही अधिकारियों को आदेश दिए गए कि वे समय पर दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत करें, और अधिवक्ताओं से लगातार संपर्क बनाए रखें, जिससे सरकार की तरफ से प्रभावी पक्ष रखा जा सके।

विकास योजनाओं में कोर्ट के स्थगन आदेशों से न निपटेगी सरकार

विकास कार्यों से जुड़े भूमि विवादों और स्थगन आदेशों पर मुख्यमंत्री ने विशेष चिंता जताई और कहा कि इन पर संगठित व ठोस पैरवी की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

नोडल अधिकारी होंगे नियुक्त, समन्वय के लिए विशेष अधिकारी तैनात

मुख्यमंत्री ने विभागीय मामलों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए। साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय में भी समन्वय बनाए रखने के लिए एक विशेष अधिकारी की तैनाती होगी, जो सभी कानूनी मामलों की नियमित समीक्षा करेगा।

बैठक में शामिल हुए राज्य के शीर्ष अधिकारी

इस अहम बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुधांश पंत, पुलिस महानिदेशक यू.आर. साहू, महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद, अतिरिक्त महाधिवक्ता, विभागीय सचिवगण, और सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता (वीसी के माध्यम से) शामिल हुए।

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