Rajasthan News: राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि राज्यपाल पद पर रहते हुए उनके पिछले चार वर्ष संविधान संस्कृति की उज्ज्वल राहों को समर्पित रहे हैं। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद होने के नाते राज्यपाल पद की अपनी मर्यादा है और इस पद पर रहते हुए भारतीय संविधान की मौलिक दृष्टि का अधिकाधिक प्रसार करने के लिए उन्होंने कार्य किया है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक मूल्यों को मूर्त रूप देने के लिए बहुत सारे नवाचार इन चार वर्ष में किए गए हैं।

राज्यपाल ने शनिवार को राजभवन में अपने कार्यकाल के चार वर्ष की प्राथमिकताओं और आगामी वर्ष की कार्य योजना के बारे में पत्रकारों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण और लागू होने की ऐतिहासिक यात्रा की अमिट छवि लोगों के मन में प्रभावी रूप से बने, इसका जो संकल्प उन्होंने लिया था वह इस वर्ष राजभवन में देश के पहले संविधान पार्क के निर्माण के रूप में पूर्ण हुआ है। उन्होंने कहा कि राजभवन स्थित संविधान पार्क में संविधान से जुड़ी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक यात्रा से जुड़े मूल तथ्यों को संजोया गया है। संविधान की मूल प्रति में शांति निकेतन के प्रख्यात कलाकार नंदलाल बोस और उनके सहयोगियों की बनाई  कृतियों को भी यहां जीवंत किया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि संविधान की बात तो होती है परन्तु उसकी उद्देशिका और मौलिक कर्तव्यों के बारे में अभी भी बहुत अधिक जानकारी नहीं है। ऐसे में उनके स्तर पर सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों से पहले संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों के वाचन की शुरूआत की गई ताकि संविधान के प्रति जन आस्था और मजबूत हो सके। इसी क्रम में, राजस्थान विधानसभा में अभिभाषण से पूर्व सदन के सदस्यों को भी इस पहल से जोड़ा गया। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी संवैधानिक अधिकारों के साथ ही कर्तव्यों के निर्वहन के लिए भी सजग रहे, इस उद्देश्य से विश्वविद्यालयों में संविधान वाटिकाओं का निर्माण करने की शुरूआत की गई। राजभवन में देश के पहले संविधान पार्क के निर्माण का संकल्प हुआ पूरा।

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