Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की विदेश यात्रा पर सवाल उठाए गए हैं। भरतपुर के गोपालगढ़ कस्बे में 2011 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में मिली अग्रिम जमानत को रद्द करने के लिए गुरुवार को जयपुर की एक अदालत में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता सांवरमल चौधरी ने अपनी याचिका में दावा किया है कि मुख्यमंत्री शर्मा ने विदेश यात्रा के लिए अदालत से पूर्व अनुमति नहीं ली, जो कि उनकी जमानत की शर्तों का उल्लंघन है।

गोपालगढ़ सांप्रदायिक हिंसा का मामला

मुख्यमंत्री शर्मा वर्तमान में ‘राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टर्स समिट-2024’ के सिलसिले में विदेश यात्रा पर हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि मुख्यमंत्री शर्मा भरतपुर के गोपालगढ़ में 2011 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में आरोपी हैं, जिसमें लगभग 10 लोग मारे गए थे। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

अदालत के निर्देशों का उल्लंघन

याचिकाकर्ता के वकील सागर चौधरी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने अदालत के निर्देशों का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा, “अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत देते समय कुछ शर्तें लगाई थीं, जिनमें विदेश यात्रा की पूर्व अनुमति लेना शामिल था। लेकिन मुख्यमंत्री बिना अदालत की अनुमति के दक्षिण कोरिया और जापान गए हैं। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को तय की है।”

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

विधानसभा में विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिवक्ता श्री सांवर चौधरी ने अदालत में याचिका दायर की है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गोपालगढ़ दंगों से संबंधित एफआईआर के ट्रायल के दौरान अदालत की अनुमति के बिना विदेश यात्रा की। यह जमानत की शर्तों का उल्लंघन है।”

उन्होंने यह भी कहा कि, “मुख्यमंत्री अगर खुद कानून की धज्जियां उड़ाएंगे, तो जनता में क्या संदेश जाएगा? मुख्यमंत्री को इस मामले में तत्काल अपना स्पष्ट पक्ष सामने रखना चाहिए ताकि सच्चाई जनता के सामने आ सके।”

पढ़ें ये खबरें भी