Rajasthan News: कोटा में छात्रों की आत्महत्या की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सालभर में अब तक 29 स्टूडेंट्स आत्महत्या कर चुके हैं। अब प्रशासन ने इसे रोकने के लिए हॉस्टल और पीजी में काउंसलर्स की मदद लेने का फैसला किया है।

काउंसलर्स छात्रों से संवाद कर उनकी मानसिक स्थिति का पता लगाएंगे। इस अभियान के लिए प्रशासन ने एक विशेष पोस्टर भी तैयार किया गया है। जिसमें 24 घंटे विद्यार्थियों की मदद के लिए संचालित की जा रही हेल्पलाइन के मोबाइल नंबर, जिला प्रशासन के स्टूडेंट पोर्टल, कोटा पुलिस स्टूडेंट सेल, व्हाट्स-अप कांटेक्ट, ई-मेल आईडी और मदद के लिए अन्य सभी हेल्पलाइन के पोस्टर्स सभी हॉस्टल्स के प्रमुख स्थानों पर डिस्प्ले किए जाएंगे।

जिला कलक्टर ने शहर के सभी हॉस्टल्स और पीजी में जागरूकता के लिए अभियान चलाने की बात कही। साथ ही कोटा शहर में विद्यार्थियों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। विद्यार्थी यदि किसी भी तरह के तनाव में है तो वो किसी न किसी प्लेटफार्म पर अपनी बात कह सके, उसे ट्रैक किया जा सके, इसके लिए यह प्रयास जारी हैं।

विद्यार्थियों से संवाद के साथ हॉस्टल्स में गाइड लाइन के पालना की भी जांच की जाएगी। कमरों के पंखों में हैंगिंग डिवाइस है या नहीं, सुबह-शाम विद्यार्थियों की जांच की जा रही है या नहीं। साथ ही भोजन की गुणवत्ता और विद्यार्थियों के लिए सुविधाओं की जांच कर परफोर्मा भरवाया जाएगा। जिसके आधार पर हॉस्टल्स पर कार्रवाई की जाएगी।

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