Rajasthan News: जयपुर. पूर्व अशोक गहलोत सरकार के वक्त प्रदेश में 3067 फार्मासिस्ट की हुई भर्ती परीक्षा में फर्जी डिग्रियों से अपात्र से पात्र बनकर चयनित होने का प्रकरण में जांच कमेटी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट मंगलवार को चिकित्सा विभाग की नोडल एजेंसी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ एंड फैमिली वैलफेयर (सीफू) को सौंप दी है.
अंतरिम जांच में देश की 15 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज कॉलेज की कुल 112 चयनित अभ्यर्थियों की डिग्रियां फर्जी निकली है. जिसकी डिटेल रिपोर्ट सीफू के डायरेक्टर डॉ. ओपी थाकन को सौंपी है. सूत्रों के अनुसार अभी 301 डिग्रियों की जांच बाकी है लेकिन फार्मासिस्ट भर्ती में चयनितों की भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी करने के दबाव के चलते अभी अंतरिम रिपोर्ट दी गई है.
फर्जी डिग्रीधारी पर कार्रवाई का फैसला बाकी
जांच रिपोर्ट आने के बाद चिकित्सा विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह के स्तर पर फर्जी डिग्रियों से चयनित होने वालों के खिलाफ आगामी कार्रवाई का फैसला किया जाएगा. जांच से शेष रही 301 डिग्रियों की इसी सप्ताह रिपोर्ट आने की उम्मीद है.
क्या है पूरा मामला
गहलोत सरकार के वक्त राजस्थान फार्मेसी काउंसिल में फर्जी डिग्रियों से अपात्र को पात्र बनाकर रजिस्ट्रेशन करने का बड़ा खुलासा हुआ था. इसी दौरान चिकित्सा विभाग में फार्मासिस्ट की 3067 पदों पर भर्ती की परीक्षा हुई थी. परिणाम में 4500 अभ्यर्थियों का चयन हुआ.
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