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Rajasthan News: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित जैन धर्म के सामूहिक क्षमावाणी कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा कि भारत के सभी धर्मों में अहिंसा और क्षमा को विशेष महत्व दिया गया है। उन्होंने अपनी सरकार के 9 महीने के कार्यकाल में प्रदेश में विकास की गति को तेज करने के प्रयासों पर प्रकाश डाला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प की दिशा में राजस्थान को मजबूती से आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।
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भजनलाल शर्मा ने जैन धर्म के आस्था स्थलों के विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि रणकपुर जैन मंदिर के सौंदर्यीकरण और विराटनगर स्थित नसियां जी के विकास कार्य किए जा रहे हैं। साथ ही, राज्य में निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘राइजिंग राजस्थान’ समिट का आयोजन किया जाएगा, जिसमें उन्होंने व्यापारियों से सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भगवान ऋषभदेव से लेकर भगवान महावीर तक के संदेशों का उल्लेख करते हुए कहा कि जैन तीर्थंकरों द्वारा दिए गए अहिंसा और क्षमा के सिद्धांत विश्वशांति की दिशा में महत्वपूर्ण कड़ी हैं। जैन धर्म के ये आदर्श आज भी दुनिया के लिए प्रासंगिक हैं और भारत को वैश्विक महाशक्ति बनने की ओर ले जा रहे हैं।
इस अवसर पर आचार्य शशांक सागर महाराज ने कहा कि यह पहली बार है जब राजस्थान में दिगंबर और श्वेतांबर मुनि एक साथ क्षमावाणी मना रहे हैं। मुनि अर्चित सागर महाराज ने मुख्यमंत्री के शाकाहारी जीवन पद्धति की सराहना की। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल सहित अन्य वरिष्ठ नेता और जैन समाज के प्रमुख लोग भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित जैन धर्म के सामूहिक क्षमावाणी कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा कि भारत के सभी धर्मों में अहिंसा और क्षमा को विशेष महत्व दिया गया है। उन्होंने अपनी सरकार के 9 महीने के कार्यकाल में प्रदेश में विकास की गति को तेज करने के प्रयासों पर प्रकाश डाला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प की दिशा में राजस्थान को मजबूती से आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।
भजनलाल शर्मा ने जैन धर्म के आस्था स्थलों के विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि रणकपुर जैन मंदिर के सौंदर्यीकरण और विराटनगर स्थित नसियां जी के विकास कार्य किए जा रहे हैं। साथ ही, राज्य में निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘राइजिंग राजस्थान’ समिट का आयोजन किया जाएगा, जिसमें उन्होंने व्यापारियों से सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भगवान ऋषभदेव से लेकर भगवान महावीर तक के संदेशों का उल्लेख करते हुए कहा कि जैन तीर्थंकरों द्वारा दिए गए अहिंसा और क्षमा के सिद्धांत विश्वशांति की दिशा में महत्वपूर्ण कड़ी हैं। जैन धर्म के ये आदर्श आज भी दुनिया के लिए प्रासंगिक हैं और भारत को वैश्विक महाशक्ति बनने की ओर ले जा रहे हैं।
इस अवसर पर आचार्य शशांक सागर महाराज ने कहा कि यह पहली बार है जब राजस्थान में दिगंबर और श्वेतांबर मुनि एक साथ क्षमावाणी मना रहे हैं। मुनि अर्चित सागर महाराज ने मुख्यमंत्री के शाकाहारी जीवन पद्धति की सराहना की। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल सहित अन्य वरिष्ठ नेता और जैन समाज के प्रमुख लोग भी उपस्थित थे।
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