Rajasthan News: श्रीगंगानगर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां साइबर अपराधियों ने एक किसान को फर्जी CBI Officer बनकर ₹1.05 करोड़ की ठगी का शिकार बना लिया. पुलिस की जांच में पता चला कि यह रक़म मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित दो बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी. हालांकि, पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए इनमें से ₹18 लाख होल्ड करवा लिए हैं.

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कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

डीएसपी कुलदीप वालिया के अनुसार, 69 वर्षीय जसविंद्र कौर और उनके पति ने कुछ साल पहले अपनी 32 बीघा जमीन बेचकर बैंक में पैसा जमा करवाया था. उन्होंने हाल ही में अपनी 9 बीघा जमीन भी बेची थी. 15 नवंबर को जसविंद्र कौर के पति को एक कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को दिल्ली स्थित CBI अधिकारी बताया. उसने वीडियो कॉल पर पुलिस वर्दी में बातचीत की और धमकाया कि उनके खातों में गलत तरीके से पैसा जमा हुआ है, जो “डिफॉल्टर मनी” है.

कॉलर ने डराया कि यदि यह पैसा तुरंत ट्रांसफर नहीं किया गया, तो उन्हें सात साल की जेल हो सकती है. भयभीत होकर किसान ने बताए गए खातों में ₹1,05,59,960 ट्रांसफर कर दिए.

जब ठगी का पता चला

अगले दिन इस बुजुर्ग दंपत्ति ने अपने परिवार को इस घटना की जानकारी दी. तब जाकर उन्हें पता चला कि वे एक बड़ी साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं.

पुलिस की कार्रवाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए, श्रीगंगानगर साइबर थाने में तुरंत केस दर्ज किया गया. जांच के दौरान, ठगी गई राशि में से ₹18 लाख भोपाल के दो बैंक खातों में जमा मिले. पुलिस ने तुरंत इस रकम को फ्रीज करवा दिया.

भोपाल भेजी जाएगी जांच टीम

डीएसपी वालिया ने बताया कि प्राथमिक जांच में यह संकेत मिला है कि ठग भोपाल के हो सकते हैं. इस संबंध में अपराधियों का पता लगाने के लिए एक टीम भोपाल रवाना की जा रही है.

बड़ा साइबर अपराध

श्रीगंगानगर साइबर थाने के इतिहास में यह डिजिटल ठगी का सबसे बड़ा मामला है. अपराधियों ने न केवल बुजुर्ग दंपत्ति को आर्थिक नुकसान पहुंचाया बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया.

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