Rajasthan News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने मालवीय नगर स्थित पाथेय कण संस्थान के नारद सभागार में आयोजित सामाजिक सद्भाव बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सद्भावना भारत का स्वभाव है। उन्होंने बताया कि केवल नियम और तर्क से समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता, इसके लिए सद्भावना की आवश्यकता है।

डॉ. भागवत ने कहा कि स्वार्थ दुनिया का स्वभाव है, और स्वार्थ पर आधारित प्रयास दो हज़ार साल से चल रहे हैं, लेकिन सफल नहीं हो सकते। स्वार्थ परस्पर विरोधी होता है और इसका उद्देश्य सबका भला नहीं हो सकता।

उन्होंने चेतावनी दी कि कुछ ताकतें भारत को कमजोर करना चाहती हैं। हिंदू भारत का प्राण हैं, इसलिए भारत को तोड़ने वाले हिंदूओं को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज ड्रग्स का जाल फैलाया जा रहा है और इसके पीछे भी भारत को दुर्बल बनाने वाली ताकतें हैं।

भागवत ने कहा कि परिवार में आत्मीयता होने से ड्रग्स और लव जिहाद जैसी समस्याएं दूर रहती हैं। उन्होंने पर्यावरण के लिए पानी बचाने, सिंगल यूज प्लास्टिक हटाने और पेड़ लगाने जैसी छोटी-छोटी आदतों को अपनाने की भी बात कही। उनका कहना था कि यह सब तब संभव है जब हम पहले इसे अपने आचरण में लाएँ।

बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेशचंद्र अग्रवाल, प्रदेश के विभिन्न समाजों के पदाधिकारी और गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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