Rajasthan News: राजस्थान के जयपुर जल जीवन मिशन (JJM) में ₹900 करोड़ से अधिक के घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी है।

पूर्व मंत्री महेश जोशी, उनके बेटे रोहित जोशी और करीबी सहयोगी संजय बड़ाया समेत 18 लोगों के खिलाफ विशेष अदालत में पूरक चार्जशीट पेश की गई है।
चार्जशीट में सुमंगलम लैंडमार्क एलएलपी, श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के पदमचंद जैन, गणपति ट्यूबवेल कंपनी के महेश मित्तल, और अन्य प्रमुख नाम शामिल हैं मुकेश पाठक, मायालाल सैनी, राकेश सिंह, प्रदीप कुमार, प्रवीण अग्रवाल, मलकत सिंह, विशाल सक्सेना, महेंद्र प्रकाश सोनी, हिमांशु रावत, नमन खंडेलवाल, तन्मय गोयल और हेमराज गुप्ता।
टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी, रिश्वतखोरी का खुलासा
ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर अंशुल द्वारा दायर चार्जशीट में PM-LA एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
जांच में सामने आया कि महेश जोशी द्वारा घूस की रकम बेटे रोहित जोशी की फर्म सुमंगलम लैंडमार्क एलएलपी में निवेश करवाई जाती थी।
कमीशन की राशि संजय बड़ाया के माध्यम से आती थी।
आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर जलदाय विभाग की विभिन्न परियोजनाओं में टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ियाँ कीं।
आरोपियों के बयानों से मिली पुष्टि
पदमचंद जैन और महेश मित्तल के बयानों से भी यह स्पष्ट हुआ है कि टेंडरों में अनियमितता के चलते रिश्वत की रकम ली गई थी।
संजय बड़ाया का विभाग के कई इंजीनियरों से सीधा संपर्क था और उसने कई टेंडर अनुचित तरीके से प्राप्त किए।
यह पूरा मामला पहले एसीबी (ACB) की जांच में सामने आया था। एसीबी की कार्रवाई के बाद ईडी ने भी सौ करोड़ से अधिक के लेनदेन का खुलासा करते हुए प्रकरण दर्ज किया था।
47.80 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच
हाल ही में ईडी ने ₹47.80 करोड़ की संपत्ति अटैच की है, जिसमें
- महेश जोशी परिवार की सांगानेर स्थित दो संपत्तियाँ
- संजय बड़ाया की 8 संपत्तियाँ
- ठेकेदार महेश मित्तल की ₹25 करोड़
- पदमचंद जैन की ₹5 करोड़ की संपत्ति शामिल है।
फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र पर करोड़ों के टेंडर
साल 2021 में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार पर जलदाय विभाग से करोड़ों रुपये के टेंडर लिए।
- गणपति कंपनी ने 68 निविदाओं में भाग लेकर 31 टेंडर में एल-1 बनकर ₹859.2 करोड़ के काम लिए।
- श्याम कंपनी ने 169 निविदाओं में भाग लेकर 73 टेंडर में एल-1 बनकर ₹120.25 करोड़ के टेंडर हासिल किए।
रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए अधिकारी
अगस्त 2021 में एसीबी ने जयपुर के एक होटल से जलदाय विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद बहरोड़ और नीमराणा से भी कई अधिकारी गिरफ्तार किए गए। बाद में ईडी और फिर सीबीआई ने भी इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की। 4 मई 2024 को ईडी ने संबंधित दस्तावेज एसीबी को सौंपे। अब चार्जशीट प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है।
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