Rajasthan News: राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश में फैले एक अंतरराज्यीय ड्रग नेटवर्क के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा एक्शन लिया है। ईडी के चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय ने पीएमएलए 2002 के तहत बुधवार को कई ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज, संपत्ति के कागज और करोड़ों की अवैध संपत्तियों का खुलासा हुआ।

इस ऑपरेशन में मुख्य आरोपी राजस्थान के गोपाल लाल अंजना, हरियाणा के छिंदरपाल सिंह उर्फ केवल, उनके भतीजे यादविंदर सिंह और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की गई। ईडी ने दो कीमती आवासीय संपत्तियां और कई कृषि भूमि के प्लॉट जब्त किए हैं। एजेंसी का कहना है कि यह नेटवर्क ड्रग तस्करी के साथ-साथ काले धन को वैध दिखाने का माध्यम भी बना हुआ था।

अफीम लाइसेंस बना कवर

जांच में खुलासा हुआ कि गोपाल लाल अंजना ने अपने परिवार के नाम जारी अफीम लाइसेंस का दुरुपयोग किया। वैध खेती के बहाने अवैध अफीम की तस्करी की जा रही थी। वहीं हरियाणा के छिंदरपाल और यादविंदर सिंह इनसे अफीम खरीदते थे, जिसे आगे भोला सिंह, जसमीत सिंह और हरजीत सिंह को बेचा जाता था। कुछ खेप पुलिस द्वारा जब्त भी की गई।

करोड़ों की ‘अपराध की आय’

ईडी के अनुसार, जब्त संपत्तियां अफीम के अवैध व्यापार से कमाए गए पैसों से खरीदी गई थीं। यह कार्रवाई हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज एनडीपीएस एक्ट, 1985 के मामलों के आधार पर की गई। संबंधित आरोपियों छिंदरपाल, यादविंदर, गोपाल अंजना, भोला सिंह और हरजीत सिंह के खिलाफ पहले ही आरोप पत्र दाखिल हो चुका है।

वर्षों से चल रहा था कारोबार

एजेंसी के मुताबिक यह नेटवर्क पिछले कई वर्षों से सक्रिय था। छिंदरपाल सिंह का आपराधिक रिकॉर्ड लंबा है उन्हें 2006 और 2022 में एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था।

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