Rajasthan News: पिछले कुछ समय से छात्रवृत्ति योजना में फ्रॉड की घटनाओं के सामने आई है। जिसमें कुछ छात्रों, ईमित्र संचालकों एवं शिक्षण संस्थाओं ने मिलीभगत कर अनियमित रूप से छात्रवृत्ति प्राप्त कर ली है। इसे रोकने अब प्रशासन मुस्तैद हो रही है।
बता दें कि हाल ही में सवाई माधोपुर जिले में इस प्रकार के कुछ प्रकरण ध्यान में आने पर विभाग द्वारा जांच कराई गई थी और उस में अनियमितता पाए जाने पर जिला स्तरीय अधिकारी सवाई माधोपुर द्वारा एफ आई आर दर्ज कराई गई थी। जिस पर विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए डाटा और रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
ऐसे मामलों सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ समित शर्मा ने जिलाधिकारियो को संदेहास्पद संस्थानों की जांच करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जांच में फर्जी पाए जाने पर इन संस्थानों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही भी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यदि किसी अन्य जिले में भी कोई ईमित्र संचालक या संस्थान गलत डाक्यूमेंट्स का उपयोग कर या धोखाधड़ी से छात्रवृत्ति प्राप्त करता है उनके विरुद्ध भी एफ आई आर दर्ज कराई जाए। ईमित्र संचालक का लाइसेंस रद्द करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को लिखा जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि यदि किसी संस्थान या किसी विद्यार्थी द्वारा गलत तरीके से योजना का लाभ लिया जाता है तो उस विद्यार्थी व संस्थान को छात्रवृत्ति पोर्टल से अलग कर दिया जाए और भविष्य के लिए डीबार किया जाए। साथ में विधिक कार्यवाही भी की जाए एवं अनियमित राशि की वसूली भी की जाए।
इन संस्थानों के संबंध में आवश्यक कारवाही हेतु संबंधित विभागों को भी इनकी संबद्धता रद्द करने के लिए पत्र लिखे। सचिव ने छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत संचालित पोर्टल पर संदेहास्पद आवेदन पत्रों के प्रकरणों की रोकथाम हेतु पोर्टल पर किए जाने वाले नवीन सुधारों के संबंध में जिलाधिकारियों को जानकारी दी।
पोर्टल पर किए जाएंगे ये सुधार
- वर्ष 2023- 24 में विद्यार्थियों के नवीन आवेदन ऑनलाइन छात्रवृत्ति पोर्टल पर ई मित्र कियोस्क के माध्यम से आधार आधारित बायोमेट्रिक पहचान के आधार पर करवाए जाएंगे। जनाधार से फैच किए गए डाटा का मिलान आधार के डाटा से होने के पश्चात ही आवेदन किए जाने का निर्णय लिया जाएगा।
- प्रत्येक विद्यार्थी की प्रोफाइल आईडी पोर्टल पर यूनिक रहेगी। वर्ष 2023-24 से सेमेस्टर बार कोई भी आवेदन छात्रवृत्ति पोर्टल पर स्वीकार्य नहीं किया जाएगा।
- छात्रवृत्ति आवेदनों में किसी भी डाटा टेंपरिंग की निगरानी हेतु पोर्टल पर किसी भी स्तर से की गई प्रत्येक गतिविधि का सर्विस लॉग आवश्यक रूप से स्टोर किया जाएगा। पोर्टल पर कुछ भी परिवर्तित या एडिट किए जाने पर पुराना डाटा डिलीट नहीं किया जाकर ट्रेल में प्रदर्शित भी किया जाएगा।
- जनाधार में 1 जुलाई 2022 के पश्चात यदि नाम, पिता का नाम, माता का नाम, जाति, जन्म तिथि, निवास का जिला, आधार संख्या में यदि परिवर्तन किया गया है तो छात्रवृत्ति स्वीकृति जारी होने से पूर्व पोर्टल द्वारा संदिग्ध मानकर रेड फ्लैग किया जाएगा।
- छात्रवृत्ति भुगतान हेतु प्रत्येक विद्यार्थी के बैंक खाते का विवरण यूनिक होगा तथा विद्यार्थी का बैंक खाता उसके जनाधार में व्यक्तिगत विवरण के साथ ही दर्ज हो। बैंक खाते की डुप्लीकेसी को पोर्टल द्वारा ऑटो डिटेक्ट कर छात्रवृत्ति आवेदन सम्मिट होने से रोका जाएगा।
- संस्थान के स्तर से प्रत्येक छात्रवृत्ति आवेदन पत्रों की सभी दस्तावेज जैसे अंकतालिका, बैंक अकाउंट, मोबाइल नंबर आदि की जांच का दायित्व संस्थान का होगा और संस्थान द्वारा प्रत्येक आवेदन पत्र के समस्त तथ्यों की जांच उपरांत सत्यापित कर उद्घोषणा करनी होगी।
साइबर फ्रॉड रोकने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का होगा उपयोग
- विद्यार्थियों के जाति प्रमाण, मूल निवास का विवरण दस्तावेज जारीकर्ता एजेंसी के डेटाबेस से वेब सर्विस के माध्यम से प्राप्त कर सिस्टम द्वारा स्वतः सत्यापित किया जाएगा।
- विद्यार्थी के शैक्षणिक दस्तावेज यथा 10वीं एवं 12वीं की अंक तालिका राज ई वोल्ट अथवा डीजी लॉकर से विवरण प्राप्त कर सिस्टम द्वारा स्वत रू सत्यापन किया जाएगा।
उन्होंने निर्देश दिए कि शैक्षणिक वर्ष 2021-22 और 2022-23 की छात्रवृति के लिए लंबित आवेदनों का 31 जुलाई तक निस्तारण करे और पेंडेंसी जीरो किए जाएं।
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