Rajasthan News: प्रदेश में कम वर्षा के फलस्वरूप पॉवर डिमांड में हुई अप्रत्याशित वृद्धि तथा कोयला संकट के मद्देनजर कुछ वर्षों से बन्द पड़ी धौलपुर गैस आधारित विद्युत इकाइयों से आगामी रबी सीजन के लिए विद्युत उत्पादन प्रारम्भ कर दिया गया है।

ऊर्जा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि गुरूवार को प्रातः 4.30 बजे इकाई सं. 2 से विद्युत उत्पादन प्रारम्भ कर दिया गया है जिसे आवश्यकतानुसार पूर्ण क्षमता से चलाए जाने पर प्रतिदिन 2.64 मिलियन यूनिट राज्य को उपलब्ध कराई जा सकेंगी। धौलपुर गैस परियोजना निर्बाध विद्युत आपूर्ति में मददगार सिद्ध होगा।

उर्जा मंत्री भाटी ने बताया कि वर्तमान में विद्युत की मांग अपेक्षाकृत 29 प्रतिशत बढ़ने के कारण राज्य सरकार ने धौलपुर विद्युत परियोजना को स्पॉट गैस के साथ विद्युत उत्पादन करने की अनुमति दी है। स्पॉट गैस की व्यवस्था के लिए आरवीयूएन ने 01.01.2026 तक की अवधि के लिए 29.07.2020 को गेल के साथ एक स्पॉट गैस बिक्री समझौता (एसजीएसए) निष्पादित किया है। इस स्पॉट गैस व्यवस्था के साथ धौलपुर पॉवर स्टेशन को भरतपुर क्षेत्र में दिसंबर 2020 के दौरान प्रसारण तंत्र में आई समस्या के चलते कुछ दिनों के लिए संचालित किया गया था।

उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम की 330 मेगावाट (110 मेगावाट की तीन इकाई) क्षमता की गैस आधारित परियोजना धौलपुर जिले में स्थित है जिसकी कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 7.92 मिलियन यूनिट प्रतिदिन है। 1115 करोड़ रू की लागत से निर्मित इन तीनों इकाइयों से वाणिज्यिक उत्पादन 1 मार्च 2008 से प्रारम्भ किया गया था। गैस की अनुपलब्धता के कारण धौलपुर की इकाइयों को दिसंबर 2019 में बॉक्स-अप करना पड़ा था।

उर्जा मंत्री ने बताया कि यदि केन्द्र सरकार विद्युत उत्पादन हेतु गैस की आपूर्ति को सब्सिडाइज्ड मूल्य पर उपलब्ध करवाए तो धौलपुर गैस आधारित विद्युत परियोजना सुचारू रूप से संचालित हो सकती है। चार वर्षों से बन्द पड़ी गैस आधारित इकाइयों से अल्प समय में अथक प्रयासों से पुनः विद्युत उत्पादन प्रारम्भ करने पर ऊर्जा राज्य मंत्री ने खुशी जाहिर कर उत्पादन निगम की टीम को बधाई दी है।

राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक आर.के. शर्मा ने बताया कि डीसीसीपी की तीनों इकाइयां वर्ष 2020 से बाक्स-अप कंडीशन में हैं तथा समस्त परीक्षणों के पश्चात इकाई- 2 से विद्युत उत्पादन प्रारम्भ करा दिया है। शेष दो इकाइयों से परीक्षण कर उत्पादन योग्य बनाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

ये खबरें भी जरूर पढ़ें