Rajasthan News: जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत शुक्रवार को अजमेर जिले के प्रवास पर रहे। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में मीडियाकर्मियों के साथ चर्चा की। इस दौरान रावत ने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) राजस्थान में जल क्रांति लेकर आएगी। इस परियोजना से पीने के साथ-साथ सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध होगा।
उन्होंने कहा कि ईआरसीपी हमारी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। वर्ष 2017 में भाजपा की तत्कालीन सरकार ने इस योजना पर काम शुरू किया था। ईआरसीपी योजना के माध्यम से पार्वती और काली सिंध के पानी को लिफ्ट करके राजस्थान के जिलों में लाएंगे। हमारी सरकार ने इस कार्य को मूर्त रूप देने के लिए दस्तावेजों पर कार्य किया। इसके पश्चात आगे बढ़ाकर धरातल पर भी कार्य किया। राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच में डीपीआर एमओयू हो चुका है। इस परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों के लिए टेंडर जारी कर कार्यादेश जारी किए गए है। इसका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शीघ्र ही शिलान्यास किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि चंबल नदी का क्षेत्र एनजीटी के द्वारा संरक्षित घोषित किया गया है। इस कारण इसके जल का अन्य जगह इस्तेमाल नहीं कर सकते है। पार्वती और कालीसिंध के पानी को लिफ्ट करके पूर्वी राजस्थान के लिए पीने और सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने की योजना पर सरकार कार्य कर रही है। मानसून के दौरान पार्वती और काली सिंध सहित चंबल का पानी बहकर समुद्र में चला जाता है। यह पानी व्यर्थ हो जाता है। मानवीय क्रियाकलापों के लिए यह किसी काम का नहीं रहता। इस व्यर्थ बहने वाले पानी को लिफ्ट करके पीने और सिंचाई के लिए उपलब्ध करवाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में वाटर ग्रिड बनाने की घोषणा की है। वाटर ग्रिड राजस्थान में जल क्रांति लाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। राजस्थान को पड़ौसी राज्यों से पानी लाकर राज्य की जल समस्या का स्थाई समाधान किया जागा। ईआरसीपी परियोजना से बांरा, झालावाड़, कोटा, बूंदी, धौलपुर, भरतपुर, सवाईमाधोपुर, अलवर, दौसा, करौली, जयपुर, अजमेर एवं टोंक सहित केकड़ी जैसे नवगठित जिलों को लाभ मिलेगा। यहां पीने के साथ-साथ सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। प्रथम चरण के अन्तर्गत बीसलपुर लिंक के कार्य का टेंडर कर वर्क आर्डर भी दे दिया गया है। अजमेर जिले में द्वितीय चरण के अन्तर्गत कार्य होंगे। अजमेर के मुख्य बांधों और तालाबों को इस परियोजना से जोड़ा जाएगा।
जल मंत्री ने कहा कि यमुना जल समझौता हरियाणा राजस्थान के बीच में वर्षों से अटका हुआ था। इस कार्य को सरकार ने तेज गति प्रदान की है। दोनों राज्यों के मध्य यमुना जल समझौता होने से डीपीआर के लिए एमओयू हो चुका है। इससे सीकर, चूरू और झुंझुनूं जिले लाभान्वित होंगे। इसके साथ ही नर्मदा का अतिरिक्त जल भी प्रदेश को दिलाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसी प्रकार गांधी सागर बांध का पानी बीसलपुर तक सीधा पहुंचाने पर भी काम कर रहे हैं।
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