जयपुर। प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में बदलाव के बाद अब भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल में बदलाव और विस्तार देखने को मिलेगा. इनमें स्वतंत्र और राज्यमंत्रियों में से प्रमोशन करके कैबिनेट में करने का फॉर्मूला भी लागू होगा.

माना जा रहा है कि एक महीने के अंदर ही बौकाने वाले बदलाव होंगे. इनमें तीन से पांच चेहरों की कुर्सी खतरे में है. 7-8 नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी. इसकी वजह ये भी है कि फिलहाल भजनलाल सरकार में 24 मंत्री हैं और ये आंकड़ा अधिकतम 30 तक हो सकता है. बताया जा रहा है कि बिहार चुनाव के परिणामों के चलते सत्ता और संगठन की घोषणा राजस्थान में रोकी गई थी.

अंता चुनाव भी इन वजह में से एक था. अब पंचायत और निकाय चुनाव सिर पर हैं. ऐसे में मंत्रिमंडल में बदलाव और विस्तार एक सियासी औपचारिकता के रूप में देखा जा रहा है. उधर, पड़ोसी राज्य एमपी, गुजरात सहित कई राज्यों में बदलाव हो चुके हैं.

दिखेगा क्षेत्रीय, जातीय, गुटों का संतुलन

बीजेपी के मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रीय, जातीय और गुटों का संतुलन देखकर काम होगा. शेखावाटी और मेवाड़ जैसे क्षेत्रों से नए प्रतिनिधियों को शामिल करने की चर्चा है ताकि क्षेत्रीय संतुलन बेहतर बने. मेघवाल, यादव, गुर्जर सहित कई समुदायों को भी सरकार में अधिक प्रतिनिधित्व देने की मांग पार्टी के भीतर उठ चुकी है.

पहले इस्तीफा, फिर मिलेगा नया पोर्टफोलियो

सूत्रों के अनुसार, जिस तरह से पड़ोसी राज्यों में पहले मंत्रियों के इस्तीफे हुए थे फिर नया मंत्रिमंडल बना था. ठीक उसी फॉर्मूले पर राजस्थान में भी काम होगा. बताया जा रहा है कि हेल्थ सहित कुछ विभागों के बदलने के सियासी संकेत भी लगातार चर्चा में रह चुके हैं.

मंत्रियों के कामकाज का मूल्यांकन पूरा

सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों के मूल्यांकन का प्रोसेस पूरा हो चुका है. हालांकि, दो साल पहले मंत्रिमंडल गठन के समय ही इस बात से अवगत करा दिया गया था कि मंत्रियों की वर्किंग मूल्यांकन लगातार होता रहेगा.