Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को जोरदार हंगामे के बीच राजस्थान कारखाना संशोधन विधेयक 2025 ( Rajasthan Factories Amendment Bill 2025 ) पास हो गया। कांग्रेस विधायक अतिवृष्टि से फसलों की तबाही पर चर्चा की मांग को लेकर लगातार वेल में नारेबाजी कर रहे थे, लेकिन इसी दौरान श्रम मंत्री सुमित गोदारा ने यह विधेयक पेश किया। थोड़ी बहस के बाद इसे सदन ने मंजूरी दे दी।

श्रम मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि यह विधेयक राज्य के उद्योग और रोजगार दोनों को नई दिशा देगा। संशोधन में कई अहम प्रावधान जोड़े गए हैं, जो सीधे तौर पर मजदूरों और कारखानों में काम करने वाले कर्मचारियों को फायदा देंगे।

  • काम के घंटे: अब श्रमिक बिना अंतराल के लगातार 6 घंटे तक काम कर सकेंगे।
  • दैनिक उपस्थिति: कर्मचारी रोजाना अधिकतम 10 घंटे 30 मिनट तक फैक्ट्री में रह सकेंगे।
  • ओवरटाइम: पहले तिमाही में 75 घंटे ओवरटाइम की सीमा थी, जिसे अब बढ़ाकर 144 घंटे कर दिया गया है।
  • लचीलापन: बिना अंतराल वाले श्रम प्रावधान को लचीला बनाया गया है ताकि श्रमिक अपने समय का बेहतर उपयोग कर सकें।

गोदारा का कहना है कि इससे उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, निवेश को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

महिलाओं के लिए बड़ा बदलाव

विधेयक में महिलाओं के लिए भी अहम संशोधन किया गया है। अब महिलाएं अपनी लिखित सहमति देने पर रात्रि पाली (नाइट शिफ्ट) में काम कर सकेंगी। सरकार का तर्क है कि यह कदम महिला श्रम शक्ति की भागीदारी बढ़ाने और महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने के लिए जरूरी था।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि यह प्रावधान महिलाओं को अपनी सुविधा और सहमति के आधार पर कार्य चुनने की स्वतंत्रता देगा।

श्रमिक संगठनों से चर्चा के बाद तैयार हुआ बिल

गोदारा ने स्पष्ट किया कि इस संशोधन का मसौदा जून 2025 में श्रमिक संगठनों के साथ हुई बैठकों और उनके सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। इसके जरिए राज्य में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना मकसद है।

विपक्ष का आरोप

कांग्रेस ने विधेयक के पारित होने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। विपक्ष का कहना है कि सरकार किसानों की समस्याओं से मुंह मोड़ रही है। अतिवृष्टि से फसलें चौपट हो गई हैं, लेकिन उस पर चर्चा कराने की बजाय सरकार उद्योगों से जुड़े बिल पारित करने में लगी हुई है।

पढ़ें ये खबरें