Rajasthan News: मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जल संसाधन राज्य मंत्री रहे प्रोफेसर सांवरलाल जाट की प्रतिमा का अनावरण उनके पैतृक गांव सिरोंज (अजमेर) में किया गया। इस मौके पर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मौजूद रहीं। कार्यक्रम के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने न सिर्फ जाट के राजनीतिक योगदान को याद किया, बल्कि मौजूदा राजनीति पर भी इशारों में तीखा तंज कसा।

चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं

एक्स (पूर्व ट्विटर) पर वसुंधरा राजे ने लिखा, मौसम और इंसान कब बदल जाए, भरोसा नहीं किया जा सकता। आज की राजनीति में लोग नई दुनिया बसा लेते हैं, एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं। लेकिन प्रो. सांवरलाल जाट ऐसे नहीं थे। वे मरते दम तक मेरे साथ खड़े रहे।

राजनीति में अनुशासन का प्रतीक

राजे ने याद करते हुए लिखा कि जाट खुद लोकसभा चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे, लेकिन पार्टी के अनुशासन के आगे उन्होंने चुनाव लड़ा और जीते भी। वो हमेशा मेरी मदद को तैयार रहते थे। मेरी तरह ही वे भी स्व. भैरों सिंह शेखावत की राजनीतिक पाठशाला से निकले थे।

बीसलपुर और चंबल परियोजना की बात

राजे ने लिखा कि अजमेर में बीसलपुर का पानी लाने का श्रेय स्व. जाट को ही जाता है। उनकी ख्वाहिश थी कि चंबल बेसिन का पानी बीसलपुर बांध तक पहुंचे। हमने 2018 में ईआरसीपी योजना शुरू की, जो उनके सपने को साकार करेगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर किसान कर्ज माफी की योजना के दौरान वे जीवित होते, तो उन्हें बेहद खुशी होती।

तीन बार रहे मंत्री, लोकसभा सांसद भी बने

सांवरलाल जाट 1993, 2003 और 2013 में राजस्थान सरकार में मंत्री रहे। 2014 में वे अजमेर से लोकसभा सांसद बने और मोदी सरकार में जल संसाधन राज्य मंत्री बनाए गए। हालांकि, बाद में हुए मंत्रिमंडल फेरबदल में उन्हें पद से हटाया गया। 2017 में दिल का दौरा पड़ने के बाद लंबे इलाज के बावजूद उनका निधन हो गया।

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