Rajasthan News: बाड़मेर जिले के कवास गांव में शनिवार को एक अनूठा और भावनात्मक दृश्य देखने को मिला, जब 1975 में दसवीं कक्षा पास करने वाले 21 सहपाठी, 50 साल बाद राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की उसी कक्षा में फिर से एकत्र हुए। राजस्थानी धोती-कुर्ते और साफे में सजे ये पूर्व छात्र अपने बचपन की यादों में खो गए। ब्लैकबोर्ड पर चॉक से पाठ पढ़ाते उनके पुराने शिक्षकों ने मानो समय को 50 साल पीछे ले जा दिया।

स्वर्ण जयंती समारोह की पहल
इस स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी सांगाराम जांगिड़ की पहल पर हुआ। उनके साथ किसान, व्यवसायी और विभिन्न पेशों से जुड़े सहपाठी पारंपरिक परिधानों में स्कूल पहुंचे। जांगिड़ ने बताया कि 1975 में कवास और आसपास के क्षेत्रों में कोई सीनियर स्कूल नहीं था। केवल बायतु, बाड़मेर और शिव में ही सीनियर स्कूल थे। उस समय उनकी कक्षा में एक भी लड़की नहीं थी।
पढ़ें ये खबरें
- दो महीने बाद हुआ मृत उप अभियंता का ट्रांसफर, नगरीय प्रशासन की बड़ी लापरवाही आई सामने…
- दादा बना ‘वहशी दरिंदा’: 65 साल के बुजुर्ग ने 13 साल की पोती का किया रेप, हैवानियत ऐसी कि जानकर दहल उठेगा दिल
- देर रात बीजेपी विधायक के बेटे का हंगामा: समर्थकों के नगर निगम परिसर में की जमकर नारेबाजी, कहा- मैंने ही बनवाया था फूट जाए तो बाद में मत बोलना…
- सीधी में दर्दनाक सड़क हादसा: खड़े ट्रक से टकराई बोलेरो, तीन की मौत, तीन लोग घायल, CM डॉ मोहन ने जताया दुख
- Raipur Crime News : युवक पर जानलेवा हमला, दो आरोपी गिरफ्तार, देशी कट्टा और जिंदा कारतूस जब्त