Rajasthan News: राजस्थान के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री भरत सिंह कुंदनपुर का सोमवार को निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन की जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी।

गहलोत ने लिखा, “पूर्व मंत्री श्री भरत सिंह कुंदनपुर के निधन का समाचार मिला। मैं कल ही SMS अस्पताल जाकर उनसे कुशलक्षेम पूछकर आया था। डॉक्टरों ने उनकी तबीयत में सुधार बताया था परन्तु आज ऐसा समाचार मेरे लिए व्यथित करने वाला है। श्री भरत सिंह कुंदनपुर राजनीति एवं जनसेवा में बेबाकी एवं ईमानदारी की मिसाल थे। वो हाड़ौती क्षेत्र के कद्दावर नेता थे। मेरे उनके परिवार से संबंध उनके पिताजी के समय से थे जब मैं उनके साथ लोकसभा सांसद बना था। श्री भरत सिंह कुंदनपुर मेरे साथ मंत्री भी रहे। मैं ईश्वर से श्री भरत सिंह जी की आत्मा को शांति एवं उनके परिजनों को हिम्मत देने की प्रार्थना करता हूं।”

सरपंच से मंत्री तक का सफर

भरत सिंह कुंदनपुर ने राजनीति की शुरुआत ग्राम पंचायत कुंदनपुर के सरपंच (1977-1981) के रूप में की थी। स्थानीय स्तर पर ईमानदार और स्पष्टवादिता की छवि ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाया। इसके बाद वे चार बार सांगोद विधानसभा से विधायक बने और कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में गिने जाने लगे।

संभाले कई अहम मंत्रालय

राज्य सरकार में मंत्री रहते हुए उन्हें पंचायती राज और लोक निर्माण विभाग (PWD) जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी मिली। उन्होंने ग्रामीण सड़कों के निर्माण, पंचायत संस्थाओं के सशक्तिकरण और विकास कार्यों पर विशेष ध्यान दिया।

पार्टी नेतृत्व से भी रहे मुखर

भरत सिंह अपनी पार्टी के भीतर भी बेबाक राय रखने वाले नेता माने जाते थे। उन्होंने कई मौकों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सरकार की नीतियों की आलोचना की, लेकिन जनता के मुद्दों पर हमेशा डटे रहे।

राजनीति से संन्यास की घोषणा

2023 में उन्होंने राजनीति से संन्यास की घोषणा करते हुए राज्य वन्यजीव बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। अपने “अंतिम पत्र” में उन्होंने जनता और समर्थकों का आभार व्यक्त किया और कहा कि अब वरिष्ठ नेताओं को पीछे हटकर युवाओं को आगे आने देना चाहिए।

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