Rajasthan News: श्रीगंगानगर. श्रीकरनपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार एवं पूर्व मंत्री गुरमीत सिंह कुन्नर को अस्वस्थ होने के कारण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली (एम्स) में भर्ती करवाया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है. उनके स्वास्थ्य को लेकर दिन भर चचाओं और अफवाहों का जोर रहा. इसी दोपहर को एक टीवी न्यूज चैनल ने उनका निधन हो जाने की खबर प्रसारित कर दी, जिससे श्रीकरनपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेसियों चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में भी हड़कंप मच गया.

सोशल मीडिया में भी गुरमीत सिंह के निधन की खबर वायरल हो गई. वही यह चर्चा भी शुरू हो गई की अब श्रीकरनपुर विधानसभा क्षेत्र का चुनाव रद्द कर दिया जाएगा. इसी दौरान विधायक गुरमीत सिंह के पुत्र रूबी कुन्नर ने सोशल मीडिया में वॉइस मैसेज रिलीज किया और बताया की उनके पिता श्री के स्वास्थ्य में पहले की अपेक्षा सुधार है. टीवी न्यूज चैनल और सोशल मीडिया में उनके निधन

की गलत खबर फैलाई जा रही है. इस वॉइस मैसेज से लोगों ने राहत की सांस ली. सिंह अभी एम्स में ही भर्ती हैं और उपचारधीन हैं. गुरमीतसिंह को इस बार कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार बनाने को लेकर शुरू से ही तरह-तरह की अटकलें लग रही थीं, क्योंकि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता था. इसी वर्ष गुरमीतसिंह ने सिंगापुर में इलाज करवाया था. वे गुर्दों के रोग से ग्रसित हैं. इसके बाद जब चुनाव लड़ने के लिए टिकट की दौड़ शुरू हुई तो उन्होंने अपने बेटे रूबी का नाम इसके लिए आगे किया. जानकार सूत्रों ने बताया कि पार्टी हाईकमान रूबी की बजाय खुद गुरमीतसिंह को चुनाव लड़ने की सलाह दी . खराब स्वास्थ्य होने के बावजूद उन्होंने चुनाव लड़ना स्वीकार कर लिया अपने चुनाव प्रचार में वे अंतिम

नामांकन पत्र दाखिल करने के समय दिखाई दिए थे. इसके बाद भी चुनाव प्रचार करने नहीं गए. उनके पुत्र रूबी और समर्थक ही चुनाव प्रचार कर रहे थे जबकि गुरमीत सिंह पदमपुर में घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे. ज्यादा तबीयत खराब होने पर उनको दीपावली से 2 दिन पहले एम्स में भर्ती करवाया गया. आज उनका निधन हो जाने की अफवाह फैल गई. 6 जून 1948 को जन्मे गुरमीतसिंह के राजनीतिक जीवन की शुरूआत ग्राम पंचायत में पंच का चुनाव लड़ने से हुई थी. वह पहले पंच और फिर सरपंच 1989 में वे पंचायत समिति पदमपुर के प्रधान बने. इसके बाद जिला परिषद के डायरेक्टर का चुनाव लड़ा और उप जिला प्रमुख के पद तक पहुंचे . तत्कालीन जिला प्रमुख शंकर पन्नू के सांसद निर्वाचित पर वे कुछ समय तक कार्यवाहक जिला प्रमुख भी रहे. गुरमीत सिंह 1998, 2008 और 2018 में तीन बार विधायक चुने गए. वर्ष 2008 में कांग्रेस की टिकट नहीं मिलने . पर निर्दलीय चुनाव लड़ा और विधायक बार निर्वाचित होने पर मंत्री बने.

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