Rajasthan News: राजस्थान के नवगठित सांचौर जिले को निरस्त होने से बचाने के लिए पूर्व राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई पिछले तीन दिनों से जिला कलेक्ट्रेट के बाहर आमरण अनशन कर रहे हैं। 73 वर्षीय बिश्नोई की तबीयत बिगड़ने लगी है, जिसके कारण डॉक्टरों की टीम ने धरना स्थल पर जाकर उनका चेकअप किया और अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी। लेकिन, उन्होंने इस सलाह को ठुकरा दिया है।

धरना स्थल पर बढ़ रही भीड़ सुखराम बिश्नोई ने स्पष्ट किया है कि जब तक सरकार की ओर से यह नहीं कहा जाता कि सांचौर जिला निरस्त नहीं होगा, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। उनकी तबीयत खराब होने की स्थिति में प्रशासन द्वारा जबरन अस्पताल में भर्ती करने की संभावना के चलते, उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से धरना स्थल पर पहुंचने की अपील की है। इस अपील के बाद वहां लोगों की संख्या बढ़ने लगी है।
अनशन में शामिल लोग अनशन में बिश्नोई के साथ कई अन्य नेता और संगठनों के सदस्य भी शामिल हैं, जिनमें हिंदू सिंह चौहान, सुरजन राम साहू (जिला प्रधान, बिश्नोई समाज), सुरेश कुमार माहेश्वरी, भागीरथ राम बिश्नोई और अनिल जानी वरणवा शामिल हैं। इस आंदोलन को बार एसोसिएशन, समस्त व्यापार संघ, विप्र फाउंडेशन, टेक्सी यूनियन, निजी विद्यालय संघ और भारतीय किसान यूनियन सहित दो दर्जन से अधिक संगठनों ने समर्थन दिया है।
राजनीतिक बयान और IPS ट्रांसफर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने 8 सितंबर को कहा था कि सांचौर और केकड़ी जैसे जिले तुष्टीकरण के लिए बनाए गए हैं, और वे इन्हें हटाएंगे। इस बयान के कुछ दिन बाद सांचौर जिले के पुलिस अधीक्षक को हटाकर जालोर जिले के एसपी को सांचौर का अतिरिक्त चार्ज दे दिया गया, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी उत्पन्न हो गई।
सांचौर जिले का महत्व सांचौर जिले की जनसंख्या लगभग 8.45 लाख है और इसमें 5 विधानसभा क्षेत्र, 5 पंचायत समितियां, 150 ग्राम पंचायतें और 451 गांव शामिल हैं। यह जिला पाकिस्तान सीमा से केवल 90 किलोमीटर दूर है, जिससे इसकी रणनीतिक और प्रशासनिक महत्ता बढ़ जाती है। इसके अलावा, सांचौर जिला नेशनल हाईवे-68 और भारतमाला प्रोजेक्ट से भी जुड़ा हुआ है, जो इसे व्यापार और यातायात के लिए महत्वपूर्ण बनाता है।
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