Rajasthan News: राजस्थान में एक और शिक्षा घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। ‘पेपर लीक’ और ‘डमी अभ्यर्थी’ के बाद अब राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल (RSOS) में फर्जी मार्कशीट बेचने का मामला सामने आया है। यहां असली मार्कशीट्स को एडिट कर छात्रों के नाम और फोटो बदलकर बेचा जा रहा था।

संविदाकर्मी ने असली मार्कशीट में की छेड़छाड़, रंगे हाथ पकड़ा गया

इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब ओपन स्कूल में कार्यरत संविदाकर्मी राकेश कुमार शर्मा को रंगे हाथों पकड़ लिया गया। उस पर आरोप है कि उसने वर्ष 2019-20 की एक असली मार्कशीट को संशोधित कर ‘शालिनी’ नाम की छात्रा के नाम पर जारी किया, जबकि वह मार्कशीट असल में दीपक नामक छात्र की थी। इतना ही नहीं, दीपक की असली मार्कशीट को सिस्टम से ही हटा दिया गया।

जयपुर पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच शुरू

राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के सहायक निदेशक उमेश कुमार शर्मा ने इस संबंध में जयपुर के बजाज नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। पुलिस ने रिकॉर्ड जब्त कर मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में पता लगाया जा रहा है कि यह फर्जीवाड़ा कब से चल रहा है और कितने लोग इसमें शामिल हैं।

पिछली पांच वर्षों की रिकॉर्ड खंगाले जा रहे

ओपन स्कूल प्रशासन ने 2019-20 से अब तक के सभी परीक्षा परिणामों और मार्कशीट्स की जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि इन वर्षों में कितने छात्रों को पास दिखाया गया, कितनी मार्कशीट जारी हुईं, उनमें से कितनी बदली गईं, और वास्तव में किन छात्रों ने परीक्षा दी भी थी या नहीं।

अकेले नहीं कर सकता इतनी बड़ी हेराफेरी

जांच एजेंसियों का मानना है कि इतना बड़ा फर्जीवाड़ा केवल एक संविदाकर्मी के बूते का नहीं है। आशंका है कि कई और कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत भी इस घोटाले में हो सकती है।

सिस्टम स्तर पर होगी जांच – सचिव

राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल की सचिव अरुणा शर्मा ने कहा कि जैसे ही मामला सामने आया, तुरंत एफआईआर दर्ज करवाई गई और जांच शुरू कर दी गई है। यह स्पष्ट है कि यह काम संविदाकर्मी स्तर से शुरू हुआ, लेकिन अब हम पूरे सिस्टम की जांच करवा रहे हैं ताकि दोषियों को सजा मिल सके।

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