Rajasthan News: राजस्थान में निशुल्क दवा योजना के तहत वितरित की जा रही खांसी की सिरप बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। सीकर जिले में 5 साल के एक बच्चे की इस सिरप के सेवन से मौत हो गई, जबकि जयपुर में 2 साल की एक बच्ची जीवन और मौत से जूझ रही है।

भरतपुर में भी इसी तरह का मामला सामने आया है। आरोप है कि सरकारी अस्पतालों में दी जा रही डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप (बैच नंबर 19) के सेवन के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ी। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने इस सिरप के वितरण पर पूरे राज्य में रोक लगा दी है।

जयपुर में बच्ची की हालत गंभीर

जयपुर के दूदू की रहने वाली 2 वर्षीय यश्वी इस समय ICU में भर्ती है। वह अपने मामा के घर सांगानेर में थी, जब 27 सितंबर को उसकी तबीयत बिगड़ी। परिजनों ने उसे सांगानेर डिस्पेंसरी में दिखाया, जहां बुखार और खांसी-जुकाम के लिए दवाएं दी गईं। पहले बुखार की दवा दी गई, लेकिन हालत में सुधार न होने पर खांसी की सिरप दी गई। इसके बाद यश्वी अचेत हो गई और कई घंटों तक होश में नहीं आई। परिजनों ने उसे तुरंत जयपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है।

भरतपुर में डॉक्टर भी बीमार

चार दिन पहले भरतपुर के कलासड़ा गांव में भी इस सिरप के सेवन से एक बच्चे की हालत बिगड़ गई। उसे जयपुर के जेके लोन अस्पताल रेफर किया गया। हैरानी की बात यह है कि बच्चे के परिजनों की शिकायत पर दवा की जांच करने वाले डॉक्टर और दो ड्राइवरों की भी तबीयत खराब हो गई। डॉक्टर को जयपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।

सीकर में दो बच्चों की हालत बिगड़ी

सीकर के श्रीमाधोपुर के हाथीदेह में भी दो बच्चों की हालत इस सिरप के सेवन के बाद बिगड़ गई। दोनों को जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें ICU में रखा गया। 28 सितंबर को उनकी हालत में सुधार होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि सिरप के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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