Rajasthan News: जयपुर. जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय ने संस्कृत को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए अनोखी पहल की है. वैश्विक संस्कृत सेवा के नाम से शुरू की गई योजना में विभिन्न संस्कृत पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन-पत्र मांगे गए हैं. खास बात यह है कि इन पाठ्यक्रमों को पूरी तरह नि:शुल्क रखा गया है.

कुलपति प्रो. रामसेवक दुबे ने बताया कि इस योजना के तहत विश्वविद्यालय की ओर से 18 पाठ्यक्रम ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड पर संचालित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि ज्योतिष, वास्तु शास्त्र, हस्तरेखा शास्त्र, पौरोहित्य एवं कर्मकांड, मंदिर प्रबंधन, वेद एवं उपनिषद, धर्मशास्त्र, षोडश संस्कार, रामायण, संस्कृत संभाषण, संस्कृत व्याकरण, भारतीय दर्शन, अध्यात्म व नीतिशास्त्र, श्रीमद्भगवद्गीता, योग, संस्कृत साहित्य व वाङ्मय और शास्त्रीय संगीत के पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं. शिशु-संस्कृत पाठ्यक्रम केवल 4 से 15 वर्ष के बच्चों के लिए चला जाएगा. विश्वविद्यालय प्रवक्ता शास्त्री कोसलेन्द्रदास ने बताया कि इन पाठ्यक्रमों के लिए एक सप्ताह में ही दो हजार से अधिक लोग आवेदन कर चुके हैं.

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