Rajasthan News: राजस्थान पुलिस ने लग्जरी स्कॉर्पियो कारों को किराए पर लेकर धोखे से बेचने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। जयपुर पश्चिम पुलिस ने इस मामले में गिरोह के मास्टरमाइंड अनुज सिंह को अलवर जेल से गिरफ्तार किया है, जो जेल में रहते हुए पूरे नेटवर्क को संचालित कर रहा था। इससे पहले पुलिस गिरोह के पांच अन्य सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

शिकायत के बाद खुला मामला

यह मामला उस समय सामने आया जब परिवादी राहुल सैनी ने शिकायत दर्ज कराई कि उसका परिचित रवि गुर्जर 9 मार्च 2025 को उसकी स्कॉर्पियो कार लेकर गया और वापस नहीं लौटाया। जांच में पता चला कि रवि गुर्जर ने अपने साथियों मोहित सोनी और संदीप यादव के साथ मिलकर कार को बेच दिया।

पुलिस ने बनाई विशेष जांच टीम

मामले की गंभीरता को देखते हुए जयपुर पश्चिम के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त आलोक सिंघल, सहायक पुलिस आयुक्त झोटवाड़ा सुरेंद्र सिंह राणावत, और करधनी थाना प्रभारी सवाई सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स और चश्मदीदों के बयानों के आधार पर आरोपियों की पहचान की और तफ्तीश को आगे बढ़ाया।

गिरफ्तार हो चुके हैं पांच आरोपी

इस गिरोह के पांच सदस्य मनीष यादव, रामलाल, अनुज सिंह, कर्मवीर सिंह उर्फ मोनू और विजय कुमार शर्मा उर्फ मोटा पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पूछताछ में सामने आया कि ये सभी पहले भी इसी तरह की कई वारदातों में शामिल रह चुके हैं।

जेल से चला रहा था पूरे गैंग का संचालन

जांच में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि अनुज सिंह, जो वर्तमान में अलवर जेल में बंद है, वही गिरोह का मुख्य सरगना है। पुलिस ने अब उसे जेल से गिरफ्तारी दिखाकर कोर्ट में पेश किया है। जानकारी मिली है कि अनुज और मनीष पहले भी साथ में धोखाधड़ी के मामलों में संलिप्त रहे हैं। पुलिस का कहना है कि गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके नेटवर्क की तलाश जारी है। आशंका है कि यह गिरोह राजस्थान के अन्य जिलों में भी इसी प्रकार की ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुका है।

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