Rajasthan News: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए 4.30 करोड़ रुपये के गांजे की खेप के मुख्य सरगना को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अब तक 6 अंतरराज्यीय तस्करों को हिरासत में लिया जा चुका है। एनसीबी ने यह कार्रवाई ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत की।

गांजे की खेप: 865 किलोग्राम जब्त

मई 2024 में, एनसीबी की टीम ने जोधपुर के फिटकासनी क्षेत्र में गोरा होटल के पास एक महिंद्रा पिकअप वाहन से 865 किलोग्राम गांजा बरामद किया था। तलाशी के दौरान वाहन से 71 पैकेट गांजा जब्त हुआ, बाद में जांच के दौरान 99 अतिरिक्त पैकेट भी बरामद किए गए। जब्त गांजे की कुल बाजार कीमत लगभग ₹4.30 करोड़ आंकी गई।

मुख्य सरगना की पहचान

मुख्य आरोपी की पहचान मेहराम बिश्नोई पुत्र मांगीलाल बिश्नोई निवासी विनायपुरा, करवड़ थाना क्षेत्र के रूप में हुई। मेहराम 2004 से मादक पदार्थों की तस्करी में सक्रिय है। उसने गांजे की तस्करी के लिए 8 लाख रुपये का निवेश किया था। मुख्य तस्करों, राकेश साई और बलदेव, से माल मंगवाने में उसने भूमिका निभाई थी। राकेश और बलदेव पहले ही एनसीबी की गिरफ्त में हैं।

कॉलेज छात्रों को बनाया टारगेट

मेहराम ने गांजे की खेप को जोधपुर के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों जैसे आईआईटी जोधपुर (IIT-Jodhpur), एम्स जोधपुर (AIIMS-Jodhpur), एनआईएफटी (NIFT), और अन्य कॉलेजों के आसपास के छात्रों को बेचने की योजना बनाई थी। तस्करों का मुख्य उद्देश्य युवाओं को नशे की गिरफ्त में लाना था।

पूर्व में भी दर्ज हैं मामले

मेहराम बिश्नोई के खिलाफ 2004 से ही मादक पदार्थों की तस्करी के मामले दर्ज हैं। करवड़ थाने में उसके खिलाफ पहले से गांजा तस्करी और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत अन्य मामले दर्ज हैं।

एनसीबी की अगली कार्रवाई

एनसीबी अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य तस्करों, खरीदारों, और वितरकों की पहचान करने में जुटी है। राजस्थान सहित अन्य राज्यों में सक्रिय तस्करी नेटवर्क की कड़ियों को जोड़ने का प्रयास जारी है। एनसीबी ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश में गांजे की आपूर्ति के स्रोतों का भी पता लगा लिया है।

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