Rajasthan News: केंद्र सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को निरस्त कर उसकी जगह नया कानून लाने की तैयारी में है। प्रस्तावित विधेयक का नाम ‘विकसित भारत रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण)’ बताया जा रहा है, जिसका संक्षिप्त नाम VB-G RAM G होगा। इस संबंध में लोकसभा में विधेयक लाए जाने की संभावना जताई जा रही है।

इस मुद्दे पर अब विपक्ष की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। गहलोत ने कहा कि मनरेगा का नाम बदलने की कवायद महात्मा गांधी के प्रति असम्मान और सरकार की संकीर्ण सोच को दर्शाती है।

उन्होंने लिखा कि मनरेगा का नाम बदलने की केंद्र सरकार की कवायद महात्मा गांधी के प्रति उनकी ओछी मानसिकता और असम्मान का प्रमाण है।

सरकार पहले ‘पूज्य बापू’ के नाम का शिगूफा छोड़ती है और फजीहत होने पर अब ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (VB-G RAM G)’ जैसा नाम थोपना चाहती है. बार-बार नाम बदलने की यह बेचैनी सरकार के अपराधबोध (Guilt) को दर्शाती है।

उन्होंने आगे लिखा, ‘एक ओर रूसी राष्ट्रपति पुतिन और G-20 के तमाम राष्ट्राध्यक्ष राजघाट जाकर बापू को नमन करते हैं, आजादी के बाद से ही जो राष्ट्राध्यक्ष आते हैं वो राजघाट जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिससे विश्व पटल पर गांधी जी का कद पता चलता है।वहीं दूसरी ओर, अपने ही देश में उन्हें मिटाने की साजिश हो रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा, सबसे बड़ी विडंबना यह है कि महात्मा गांधी आजीवन प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त रहे और अंतिम समय में भी ‘हे राम’ ही पुकारा। आज केंद्र सरकार उसी ‘राम’ नाम (VB-G RAM G) की आड़ लेकर गांधी जी को दरकिनार करने का जो कुप्रयास कर रही है, वह अत्यंत निंदनीय है। सरकार को इस फैसले पर तुरंत पुनर्विचार करना चाहिए, अन्यथा दुनिया भर में इसका संदेश बहुत गलत जाएगा।

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