Rajasthan News: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सैन्य तनाव और अचानक हुए सीजफायर पर विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मुद्दे पर सवाल उठाते हुए अमेरिका की भूमिका पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि भारत की परंपरा कभी अंतरराष्ट्रीय दबाव में झुकने की नहीं रही, फिर इस बार ऐसा क्या हुआ कि अमेरिका ने सीजफायर की घोषणा की?

गहलोत ने साधा निशाना
गहलोत ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर अपने पोस्ट में 1961 के गोवा ऑपरेशन और 1974 में सिक्किम के भारत में विलय का हवाला देते हुए लिखा कि भारत ने कभी किसी तीसरे देश की दखलअंदाजी स्वीकार नहीं की।
1961 में जब मैं छठी कक्षा में था, तब गोवा पुर्तगाल के कब्जे में था। पंडित नेहरू की सरकार ने सैन्य ऑपरेशन विजय चलाया, जबकि अमेरिका समेत कई देशों ने इसे रोकने की कोशिश की। लेकिन भारत ने आत्मविश्वास के साथ गोवा को मुक्त कराया।
गहलोत ने आगे लिखा कि 1974 में जब मैं यूनिवर्सिटी में था, सिक्किम उस समय एक स्वतंत्र राजतंत्र था और अमेरिका वहां के चोग्याल शासक का समर्थन कर रहा था। फिर भी इंदिरा गांधी सरकार ने दबाव झेलते हुए सिक्किम को भारत में शामिल किया।
सीजफायर पर अमेरिका का ऐलान हैरान करने वाला
गहलोत ने सीजफायर को लेकर कहा कि जब से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से इसका ऐलान हुआ है, तब से देश के नागरिक चिंतित हैं कि भारत ने किसी तीसरे देश को इसमें दखल देने क्यों दिया।
यह पूरी तरह भारत सरकार का निर्णय होना चाहिए था। इंदिरा जी के समय से नीति स्पष्ट रही है भारत-पाक मसलों में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं होगी। गहलोत का कहना है कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसी कौन-सी मजबूरी थी जिससे अमेरिका को सीजफायर की घोषणा करनी पड़ी।
पढ़ें ये खबरें
- UNION CARBIDE WASTE BURNT: जला दिया गया यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा, सरकार ने जबलपुर हाईकोर्ट में पेश की रिपोर्ट
- iPhone 16 पर धमाकेदार छूट: Amazon या Flipkart? किसकी डील है सबसे बेस्ट
- रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय फिर विवादों मेंः प्रोफेसर पर अतिथि विद्वान से मारपीट और अभद्रता के आरोप
- 1 जिंदगी के लिए 2 जिंदगी कुर्बानः मां-बेटे के लिए करंट बना काल, जानिए मौत के मुंह में कैसे समाए दोनों…
- नहीं थम रहा रफ्तार का कहर : अलग-अलग सड़क हादसों में 3 की मौत, 22 लोग घायल