Rajasthan News: जयपुर. राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के घाटोल उपखंड के भूकिया-जगपुरा क्षेत्र में सोने की खान के दो ब्लॉक्स में से एक की नीलामी प्रक्रिया पूरी हो गई है. दूसरे ब्लॉक्स, कांकरिया गारा गोल्ड की नीलामी अभी बाकी है. इससे प्रदेश में जल्द ही सोने के खनन का काम शुरू हो सकेगा.

इन दोनों ब्लॉक्स में देश के कुल सोने के भंडार का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा होने का अनुमान है. भूवैज्ञानिकों के अनुसार, भूकिया-जगपुरा क्षेत्र में 940.26 हेक्टेयर भूमि में कुल 113.52 मिलियन टन सोने के अयस्क का अनुमान है, जिसमें लगभग 222.39 टन सोना होने की संभावना है. इस क्षेत्र में लगभग 14 किमी में सोने के भंडार फैले हुए हैं.

इस ब्लॉक का आवंटन रतलाम की सैयद ओवेस अली फर्म को हुआ है, जिसकी नीलामी प्रक्रिया पिछले महीने से चल रही थी और ई-ऑक्शन एमएसटीसी पोर्टल पर किया गया. दूसरे ब्लॉक, कांकरिया गोरा गोल्ड, के 205 हेक्टेयर में 1.24 मिलियन टन सोने के अयस्क होने का अनुमान है. उल्लेखनीय है कि जब भू सर्वेक्षण विभाग ने इस क्षेत्र में तांबे के अयस्क की खोज की थी, तब सोने के भंडार भी मिले थे. कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, झारखंड के बाद अब राजस्थान भी सोने के खनन वाले राज्यों में शामिल हो गया है.

सोने के साथ तांबा, निकल, कोबाल्ट भी मिलेगा

इस खान में सोने के अलावा 1.74 हजार टन तांबा, 9700 टन निकल और 13500 टन कोबाल्ट के खनिज भी पाए जाएंगे. इससे इलेक्ट्रॉनिक, पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल, बैटरी, एयर बैग सहित अन्य उद्योगों में निवेश बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.

कांकरिया गारा गोल्ड के कंपोजिट लाइसेंस के लिए 5 कंपनियां आईं

राजस्थान के बांसवाड़ा में स्वर्ण खनन के लिए आवंटित दो ब्लॉक में से मुखिया जगपुरा के लिए लाइसेंस दे दिया गया है. जबकि, दूसरे ब्लॉक कांकरिया गारा गोल्ड के कंपोजिट लाइसेंस के लिए 5 कंपनियां आई हैं, इसमें अहमदाबाद की हीराकुंड नेचुरल रिसोर्सेस लिमिटेड, मुंबई की पोद्दार डायमंड प्राइवेट लिमिटेड, रतलाम की ओवैस मेटल एंड मिनरल्स प्रोसेसिंग लिमिटेड, उदयपुर की हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड और कानपुर की जेके सीमेंट लिमिटेड में प्रतिस्पर्धा हैं.

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