Rajasthan News: जयपुर. पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राज्य सरकार पर भीषण गर्मी और हीटवेव से हो रही मौतों के आंकड़े छुपाने का आरोप लगाया है. डोटासरा ने बयान जारी कर कहा है कि भीषण गर्मी और हीटवेव के प्रबंधन में पूरी तरह विफल रही भाजपा सरकार अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद मृतकों को मुआवजा देने से बचने के लिए मौत के आंकड़े छिपाने का पाप कर रही है.

एसएमएस अस्पताल से चौंकाने वाली सूचना है, जहां हीटवेव से मौत के बाद करीब 40 अज्ञात लोगों के शव मोर्चरी में हैं. हर दिन करीब 20-25 अज्ञात लोगों के शव मोर्चरी में आ रहे हैं, लेकिन सरकार मुआवजा देने से बचने के लिए मौत के अलग अलग कारण बताकर तीन दिन के भीतर पोस्टमार्टम करके मामलों को निपटा रही है.

बता दें कि अज्ञात शव की शिनाख्त, पुलिस की कार्रवाई, परिवार को ढूंढने और समाचार पत्र में सूचना प्रकाशित करने की प्रक्रिया में करीब सात दिन लग जाते हैं, जिसके बाद डेड बॉडी को डिस्पोज किया जाता है. ये आंकड़े सिर्फ एसएमएस अस्पताल के हैं, पूरे प्रदेश के हालात भयावह एवं चिंताजनक है. सरकार सिर्फ पांच लोगों की हीट वेव से मौत बता रही है, जबकि सच्चाई ये है कि प्रदेश में भयंकर गर्मी और हीट वेव से मौतों का आंकड़ा बेहद डरावना है.

जूली ने आरोप लगाया कि प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस में हीटवेव से हुई अकाल मौत पर सरकार आंकड़ों की बाजीगरी कर रही है, जिस सरकार को प्रदेश की जनता ने उनकी सहायता के लिए चुना, वह सरकार खुद ही असहाय स्थिति में दिख रही है. सरकार को इन मौत पर राजनीति करने की बजाय उनका समय पर अंतिम संस्कार करवारकर उनके परिवार की आर्थिक मदद कर उन्हें संबल देना चाहिए. किसी का बेटा, किसी का भाई, किसी का पिता तो किसी का सुहाग उजड़ गया, लेकिन रिमोट कंट्रोल वाली सरकार निर्दयता की सभी हदों को तोड़कर केवल सत्ता की मोहमाया में फंसी हुई है.

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