Rajasthan News:जयपुर. पुरानी विधानसभा के भवन टाउन हॉल, पुराना पुलिस मुख्यालय व जलेब चौक की संपत्तियों को लेकर राज्य सरकार और जयपुर के पूर्व राजपरिवार की सदस्य पद्मिनी देवी व दिया कुमारी के बीच चल रहे विवाद में सरकार की पैरवी के लिए वकील ही नहीं पहुंचा. हाईकोर्ट ने इस स्थिति पर टिप्पणी की कि लगता है राज्य के हितों की राज्य सरकार को परवाह नहीं है. कोर्ट ने महाधिवक्ता व अतिरिक्त महाधिवक्ता के हाजिर नहीं होने के लिए मुख्य सचिव को जिम्मेदार मानते हुए उन्हें नोटिस जारी किया है.
साथ ही, इस स्थिति पर पक्ष रखने के लिए मुख्य सचिव को बुधवार दोपहर दो बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हाजिर होने को कहा है. न्यायाधीश अशोक कुमार जैन ने राज्य सरकार की चार रिवीजन याचिकाओं पर यह आदेश दिया. इनमें मुख्य सचिव के जरिए दायर रिवीजन याचिका भी है. इन याचिकाओं के जरिए राज्य सरकार ने राजधानी स्थित पुरानी विधानसभा के भवन टाउन हॉल, पुराना पुलिस मुख्यालय व जलेब चौक की संपत्तियों को लेकर पूर्व राजपरिवार की ओर से दायर सिविल दावे को चुनौती दी है. जयपुर के पूर्व राजपरिवार की सदस्य पद्मिनी देवी, दिया कुमारी व अन्य ने सिविल दावे में अपनी संपत्ति बताते हुए इन संपत्तियों का कब्जा दिलाने का आग्रह किया है. राज्य सरकार की ओर से जयपुर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश कर कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 363 के अंतर्गत कोवेनेंट से संबंधित मामलों में सिविल दावे पर सुनवाई नहीं की जा सकती.
अधीनस्थ न्यायालय ने प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया, जिस पर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में चार अलग-अलग रिवीजन याचिकाएं दायर कर अधीनस्थ अदालत के आदेश को चुनौती दी. हाईकोर्ट इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. सुनवाई के दौरान पूर्व राजपरिवार की ओर से अधिवक्ता हाजिर हुए, लेकिन याचिकाकर्ता राज्य सरकार की ओर से कोई हाजिर नहीं हुआ.