Rajasthan News: कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना में बदलाव की तैयारी चल रही है। इसके तहत पहली से आठवीं तक के बच्चों को दिए जाने वाले पाउडर दूध की जगह अब गाय का दूध दिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की ओर से स्कूलों में पाउडर दूध की जगह अच्छी व्यवस्था लागू करने की घोषणा करने के बाद शिक्षा निदेशालय से लेकर आयुक्तालय मिड-डे-मील और राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद तक हरकत में आ गया है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने स्कूल शिक्षा परिषद के राज्य परियोजना निदेशक एवं आयुक्त को इस बारे में पत्र भी लिखा है।
इसमें सरकारी स्कूलों में पाउडर वाले दूध के स्थान पर गोमाता का दूध उपलब्ध कराने के राज्य सरकार के निर्देशों का जिक्र किया गया है। साथ ही स्कूलों में साफ-सुथरे शौचालयों व जल की पर्याप्त व्यवस्था तथा बच्चों के बस्ते के बढ़ते बोझ को कम करने के बारे में भी परिषद को लिखा गया है। हालांकि शिक्षा विभाग की ओर से अभी तक इसकी विस्तृत गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। योजना कब शुरू होगी इसे लेकर निर्णय नहीं लिया गया है।
कांग्रेस सरकार ने शुरू की थी योजना: कांग्रेस सरकार ने नवंबर 2022 में मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना की शुरुआत की थी। योजना के तहत सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार दूध वितरण किया जाता था। वर्ष 2023 में सरकार ने बजट में स्कूलों में नियमित दूध वितरण करने की घोषणा कर दी। इसके बाद से आठवीं तक के बच्चों को दूध वितरण किया जाता है।
ताजा दूध आपूर्ति की इसलिए पड़ी जरूरत
वर्तमान में रुकूलों में आठवीं तक के बच्चों को पाउडर से दूध बनाकर दिया जा रहा है। ग्रामीण बच्चे पाउडर का दूध पीना नहीं चाहते, क्योंकि ग्रामीण परिवेश में बच्चे गाय का ताजा दूध पीने के अभ्यस्त है। पहले गांव के बच्चों को वहीं के गोपालक से दूध लेकर तथा शहरी स्कूलों के बच्चों को डेयरी का दूध दिया जाता था, लेकिन कोरोनाकाल में दूध वितरण योजना ठप हो गई। कोरोना के बाद जब इसे पुन: मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के नाम से शुरू किया गया।
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