Rajasthan News: स्टेट जीएसटी विभाग अजमेर की टीमों ने अजमेर, पुष्कर, नागौर, मकराना, मेड़तासिटी, पुष्कर, ब्यावर व किशनगढ़ में पेपर, कॉपर स्क्रेप, स्टील एंड आयरन, लाइम स्टोन, गारमेंट, फर्नीचर व मार्बल व्यवसाय से जुड़े 9 कारोबारियों के 12 से 13 ठिकानों पर शुक्रवार से सर्वे की कार्रवाई शुरू की है।

सभी जगह कारोबारिक दस्तावेजों की प्रथम दृष्टया जांच में भारी अनियमितता मिली है। कुछ कारोबारियों ने जीएसटी चोरी का अपराध स्वीकार करते हुए मौके पर ही टीमों को एक करोड़ रुपए का जीएसटी जमा कराया है।

टीमों में 30 से अधिक कर अधिकारी शामिल रहे। कुछ जगहों पर देर रात तक कार्रवाई जारी रही। कारोबारियों के खिलाफ कर चोरी की शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। कर अधिकारियों ने जब इनके ऑनलाइन रिटर्न के विवरण को चैक किया तो इसमें संदेह हुआ। विभाग के आलाअफसर के निर्देश पर 12 से 13 टीमों का गठन किया गया। टीमों ने एक समय पर ही कारोबारियों के प्रतिष्ठान, निवास स्थान व गोदामों पर दबिश दी।

इस दौरान क्रय-विक्रय, कैश बुक सहित अन्य कारोबारिक दस्तावेजों को चैक किया गया। जिसमें गड़बड़ियां मिलीं। टीमों ने इन दस्तावेजों का स्टॉक से मिलान किया तो जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ। अतिरिक्त आयुक्त स्टेट जीएसटी विभाग अजमेर जेपी मीणा का कहना है कि कार्रवाई के दौरान मौके पर कुछ कारोबारियों ने करीब एक करोड़ रुपए का जीएसटी चुकाया है। कई जगहों से दस्तावेज सीजकर स्टॉक लिया गया। जिसका मिलान किया जा रहा है। फेक फर्मों से खरीद का भी संदेह है। फिलहाल मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।

कहां किस कारोबारी पर कार्रवाई

सूत्रों ने बताया कि अजमेर शहर में रीको के पालरा औद्योगिक क्षेत्र में पेपर कारोबारी, माखुपुरा में स्टील एवं आयरन, नागौर में कॉपर स्क्रेप, मकराना में फर्नीचर, मेड़तासिटी में लाइम स्टोन, पुष्कर में स्टील आयरन, ब्यावर में गारमेंट्स व किशनगढ़ में मार्बल कारोबारी के ठिकानों पर कार्रवाई हुई। इसके अतिरिक्त एक सिविल कॉन्ट्रेक्टर का ठिकाना भी शामिल था।

दस्तावेज सीज, कई जगह कच्ची पर्चियां मिलीं

सूत्रों ने बताया कि कई कारोबारियों के दस्तावेजों को सीज कर स्टॉक का मिलान किया जाएगा। इसी तरह कई जगह लाखों रुपए के लेनदेन की कच्ची पर्चियां मिली हैं। जिसके आधार पर विभाग को राजस्व का चूना लगाया गया। तो कुछ जगह फेक फर्मों से खरीद का भी संदेह है। बताया जा रहा है कि इन कारोबारियो के यहां बड़े स्तर पर जीएसटी चोरी का खुलासा होगा।

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