Rajasthan News: राजस्थान में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर की बिजली बिल बकाया को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सीधे निशाने पर लेते हुए सवाल किया है जब मेरे एमपी ऑफिस का बिजली कनेक्शन काटा गया, तो क्या अब ऊर्जा मंत्री का कनेक्शन भी काटोगे?

मंत्री पर 2 लाख से अधिक का बिजली बिल बकाया
रविवार को जयपुर के शहीद स्मारक पर धरने के दौरान बेनीवाल ने मीडिया को बताया कि ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर के अस्पताल रोड स्थित बंगले पर बिजली का ₹2,17,428 का बकाया है। उन्होंने उस बिल की कॉपी भी मीडिया के सामने साझा की।
बेनीवाल ने तंज कसा सरकार मुझसे सरकारी आवास का किराया वसूलना चाहती है, नागौर स्थित मेरे एमपी कार्यालय का कनेक्शन काट दिया, लेकिन क्या यही कार्रवाई ऊर्जा मंत्री पर भी होगी?
मंत्री सरकारी सिस्टम का कर रहे दुरुपयोग
बेनीवाल ने आरोप लगाया कि हीरालाल नागर ज्योति नगर में बी-2 ब्लॉक के 401 और 402 फ्लैट लिए हुए हैं, इसके अलावा अस्पताल रोड पर उन्हें चार नंबर का सरकारी बंगला भी मिला है। वहां करीब 2 करोड़ रुपये के काम ठेकेदारों से कराए जा रहे हैं, जिसमें पारदर्शिता नहीं है।
बेनीवाल ने कहा कि मंत्री के इन फ्लैट्स का बकाया बिजली बिल तो सरकारी खाते से जमा किया गया, लेकिन जब अस्पताल रोड के बंगले का बिल भी उसी तरह भेजा गया तो कोषागार ने साफ इनकार कर दिया यह कहकर कि सरकार एक मंत्री के सिर्फ एक आवास का बिल जमा करती है।
स्मार्ट मीटर घोटाले का आरोप
सांसद ने ऊर्जा मंत्री पर आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है। ठेके से लेकर कमीशन तक का खेल चला है, जिसमें ऊर्जा मंत्री से लेकर विभागीय अधिकारियों तक की मिलीभगत है।
खींवसर विधायक पर भी निशाना
बेनीवाल यहीं नहीं रुके। उन्होंने खींवसर विधायक रेवंत राम डांगा पर भी हमला बोला और उनके परिवार के बिजली बिल भी मीडिया के सामने पेश किए। आरोप लगाया कि PDC (Permanent Disconnection) के बावजूद अवैध तरीके से बिजली कनेक्शन चालू किए गए। इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में गड़बड़ी और अवैध खनन में भी उनकी संलिप्तता बताई।
बेनीवाल ने राज्य सरकार को SI भर्ती रद्द करने और RPSC में सुधार की मांग को लेकर भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सरकार कोर्ट में खुद उलझी बातें कर रही है, जिससे कोर्ट ने उसे पंगु करार दिया। उन्होंने यह भी दोहराया कि अगर रीट लेवल-1 की जांच CBI से होती, तो कांग्रेस के कई नेता जेल में होते।
नागौर एसपी और पूर्व सांसद पर भी गंभीर आरोप
सांसद ने आरोप लगाया कि नागौर एसपी और पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा अवैध बजरी खनन में शामिल हैं। रियां में हुए एक केस को लेकर उन्होंने कहा कि पुलिस कप्तान ने मनगढ़ंत कहानी बनाकर निर्दोष लोगों को फंसाया है।
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