Rajasthan News: हाईकोर्ट ने राज्य की ओर से प्रभावी प्रतिनिधित्व नहीं होने पर असंतोष जताते हुए महाधिवक्ता को व्यक्तिगत रूप से राज्य सरकार का कोर्ट में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने को कहा है।
न्यायाधीश अरुण मोंगा की एकल पीठ में याचिकाकर्ता श्याम सुंदर की ओर से अधिवक्ता निखिल डूंगावत ने पक्ष रखा, लेकिन राज्य सरकार की ओर से कोई भी प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुआ। एकल पीठ ने कहा कि पिछले कुछ समय से यह देखा जा रहा है कि कोर्ट के समक्ष प्रतिदिन सूचीबद्ध होने वाले कुछ मामलों में राज्य का प्रतिनिधित्व नहीं होता है। जो वकील पेश हो रहे हैं, वे भी केवल अगली तिथि मांगने की औपचारिकता निभा रहे हैं, जबकि उनके पास बहस करने के निर्देश नहीं हैं।
पीठ ने कहा कि गैर-उपस्थिति के आधार पर सुनवाई टालने की संभावना को खत्म करने के लिए महाधिवक्ता व्यक्तिगत रूप से मामले को देखें और राज्य का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करें। महाधिवक्ता इस मामले में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत की सहायता कर करें। मामले में अगली सुनवाई एक मार्च को होगी।
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