Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि यदि महिला का विवाह राजस्थान में हुआ है, तो उसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) का आरक्षण मिलेगा, भले ही वह दूसरे राज्य की मूल निवासी हो। यह आदेश महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता नियमित भर्ती-2023 के मामले में दिया गया, जिसमें 3,384 पदों के लिए भर्ती निकाली गई थी।

हरियाणा की महिला को नहीं मिला था EWS का लाभ
याचिकाकर्ता पुनीत रानी, जो हरियाणा की मूल निवासी हैं, ने EWS वर्ग में आवेदन किया था। हालांकि, उसे यह कहकर चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया कि वह राजस्थान में EWS आरक्षण की हकदार नहीं है। इस फैसले को चुनौती देते हुए उसने कोर्ट में याचिका दायर की।
2014 में शादी, राजस्थान में निवास
याचिका में बताया गया कि पुनीत रानी की शादी 2014 में राजस्थान में हुई थी और वह तभी से यहीं रह रही हैं। उनके पास राजस्थान का मूल निवास और EWS प्रमाण पत्र भी है। याचिकाकर्ता के वकील यशपाल खिलेरी ने तर्क दिया कि संविधान के अनुच्छेद 16 (2) के तहत किसी भी नागरिक को जन्म स्थान या निवास के आधार पर रोजगार के लिए अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता।
हाईकोर्ट का फैसला: चार सप्ताह में नियुक्ति का आदेश
न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की एकलपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दूसरे राज्य की महिला को EWS आरक्षण से वंचित करना असंवैधानिक है। कोर्ट ने महिला को चार सप्ताह के भीतर EWS कोटे का लाभ देते हुए महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति देने का आदेश दिया।
पढ़ें ये खबरें भी
- इंडसइंड को मिला नया कप्तान: मिली नई रफ्तार, उछले शेयर
- बाप रे! ग्रेटर नोएडा में युवक के खाते में आए 1 अरब 13 लाख 56 हजार रुपये, रातोंरात ‘अरबपति’ बना शख्स
- नई वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी होने के बाद सियासी खलबली के बीच बीजेपी विधायक का विवादित बयान
- मृत महिला के बैंक खाते में आ गए अरबों रुपये, संख्या गिनने में सिर चकरा जाएगा, जांच में जुटा आयकर विभाग
- ‘विपक्ष अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने में माहिर…,’ एनडीए संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी का विपक्ष पर प्रहार, बोले- ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की मांग करके आज पछता रहा